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[तालीम धर्मशास्त्र]
१-जगत् और इश्वरअनादि है, अगर इश्वरने जगत्बनाया मानेतो इश्वरको किसनेबनाया, यहभी सवाल- १ पैदा होगा,
२-कर्मअकेले फलदेते है, उद्यमअकेला फलनही १ देता, उद्यम वृथाजाताहै, कर्मवृथा नहीजाते, इसलिये 1 कर्मबलवानहै, ई ३–पूर्वकृत भलेबुरेकोका फलजीव यहां भोगताहै। है और यहांकरेगा बैसाआगेकों पायगा,
४-मिथ्यात्वके उदयसे चौदहपूर्वके पाठी और यथाख्यातचारित्रके पालनेवालेभी संसासमुद्रमें डुबजातेहै, सबुतहुवा श्रद्धा बडीचीजहै.
५-जिसशख्शको जातविरादरीके गुनाहसे जातबप्रहार कियाहो, वो जिनमंदिरमें और व्याख्यान धर्मशा-१
स्त्रकी सभामें आसकताहै, जिसने देवगुरुधर्मका गुनाह । कियाहो, और उसको जैनसंघके बहारकरदियाहो, को।
नही आसकता, ए. ६-चांद सूर्यवगेरा ग्रहकिसीका भला बुरानही । १ करते, शुभाशुभके सूचकहै, कारकनही,
७-अपनी सालियाना आमदनीमेसे आध १ आठमा या सोलहमाहिस्सा धर्मकाममें खर्च कर
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