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( १७३) और आपका सच्चा प्रेम हमारे दिलों में विद्यमान है जिसके कारण हम आपकी सेवा में कोई ऐसी वस्तु भेट करना चाहते हैं जो आपके योग्य हो । अतः सनखतराके हम कसाई लोग जिनका काम कई पीढ़ियों से यह चलाआरहा है आपके समक्ष यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम लोग बड़ी खुशी से-विना किसी दबावसे हर साल निम्न लिखित चार दिनों में मांस नहीं बेचा करेंगे:--जेठ शुदि ८, कार्तिक शुदि पूर्णमाशी, पर्युषणों के पहले और अंतिम दिन (संवत्सरी) । तथा जैनी भाइयों से इसके बदले में किसी प्रकारके प्रत्युपकार की आशा नहीं रक्खेंगे। हमें पूर्ण आशा है कि श्रीमान् जी इस भेटको स्वीकार कर हमें प्रोत्साहन देवेंगे।
हमारी संतानें भी हमारे इस लेख के अनुसार आचरण करके पुण्य की भागी बनेंगी क्योंकि प्रत्येक मुसलमान का धर्म है कि अपनी प्रतिज्ञा में दृढ़ रहे।
हम हैं सनखतरे के कसाईफ़ज़लदीन, अल्लाहरक्खा, मुहम्मदबख्श, फत्तू, मेहरदीन, इमामदीन, इमामदीन,
गुलाम मुहम्मद, अब्दुल्ला, फजा।
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