________________
।
.
.
.
.
.
वन्दे श्रीवीरमानंदम् विश्ववल्लभसद्गुरुम् ।। । प्रासंगिक निवेदन।
जब हम चारों ओर दृष्टि डालते हैं तो मालूम होता है कि संसाररूपी दावानल में से बचने के लिए भव्य जीव किसी न किसी का सहारा अवश्य ढूंढता है। वह सहारा महात्मा पुरुषों की जीवनी के सिवा और कौन दे सकता है। मतलब यह है कि आत्मा के उद्धार के अनेक उपायों में से यह भी एक प्रधानतम उपाय है।
यह भारतवर्ष सदा से इतिहास प्रेमी रहा है । महास्माओं के जीवनचरित्रों के महत्त्व को समझनेवाला और उसका अनुकरणशील रहा है। समय समयपर इतिहासज्ञोंने ऐतिहासिक पुरुषोंके जीवनचरितको संसार के समक्ष रख कर अमूल्य सेवा की है।
यदि हमारे समक्ष ऐसे ऐतिहासिक ग्रन्थरत्न न होते तो आज हमको कैसे पता चल सकता था कि प्राचीन काल में हमारा भारतवर्ष ऐसा समृद्धिशाली, उन्नतिशील और Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com