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विज्ञप्ति
इस पुस्तक के प्रकाशन में "शांति सन्देश" नाम की पुस्तक श्रीमती मगनकुंवरीजी धर्मपत्नि श्रीलहरचन्दजी सेठिया बीकानेर निवासी की संकलिता में से श्रद्धांजलियां प्रकाशित की हैं, एतदर्थ उन्हें धन्यवाद है। ____ मैं बीकानेर संघ तपगच्छ उपाश्रय में श्रीसिद्धचक्र महापूजा का विधान कराने गया उस समय सेठ जिनदासजी साहब कोचर और इनकी धर्मपत्ति सूरजबाई ने योगीराज का जीवन वृत्तान्त प्रकाशित कराने का आग्रह किया कि : द्रव्य सहायक सद्गत सेठ सागरमलजी समदडिया के सुपुत्र नागौर निवासी (हाल मदरास ) निज पिता सदगत समडियाजी की पुण्य स्मृतिमें प्रकाशन कराना चाहते हैं-वैसे श्रीमान जिनदासजी साहब व इनकी धर्मपत्नि सूरजबाई को गुरुदेव के अनेक प्रसंग चमत्कार के स्मरण है, और बादरमलजी साहब सूरजबाई के पिता थे । दोनों के धर्म स्नेह अधिक होने से प्रकाशन कार्य कराने की स्वीकृति दी, यथा साध्य पूर्व प्रकाशनानुसार और योगीराज गुरुदेव के अनुभव में आये हुए प्रसंग का वर्णन व योग की विभूति आदि का लेख लिखने में गुरु सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। लेख लिखने में निर्जरा भी हुई । अतः श्री जिनदासजी साहब व सूरजबाई को धन्यवाद दिया जाता है साथ ही द्रव्यदाता को भी धन्यवाद है कि जिन्होंने गुरुभक्ति का परिचय दिया है। प्रस्तु
निवेदकचंदनमल नागोरी छोटी सादड़ी (मेवाड़)
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