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श्री आचार्य देव के चरणों में समर्पित श्रद्धाजलियाँ
स्वर्गीय श्री जगद्गुरु आचार्यदेव महान् योगिराज श्री विजयशान्ति सूरीश्वरजी भगवान् के दिव्य जीवन-चरित्र की रूपरेखा को प्रकट करने वाली कुछ श्रद्धांजलियाँ-- __ मैंने अपने जीवनकाल में यदि कोई अद्भुत वस्तु देखी है तो ये योगनिष्ठ श्री शान्तिसूरीश्वरजी महाराज हैं। बाहर से ये केवल साधारण दिखते हैं, और जब ये वार्तालाप करते हैं तब भी ऐसा प्रतीत होता है कि कोई साधारण पुरुष ही बोल रहा है। आप श्री का प्रदर्शन भी स्वभावत: ऐसा है कि लोग सहज ही भूल कर बैठे तो कोई बड़ी बात नहीं। किन्तु मुझे तो ऐसा प्रतीत हुआ कि ये कोई उच्चकोटि के महान् आध्यात्मिक ज्ञान के भंडार हैं। इन महापुरुष को हमलोग सहज में समझ नहीं सकते , कारण की ये योग में और इसी तरह आध्यात्मिक-ज्ञान में इस कदर गहरे उतरे हैं कि अठारह मास तक उनके समीप रहकर भी एक विद्वान इन्हें पूरी तरह समझ नहीं सकता। वर्तमान काल के इतने साधुत्रों में केवल ये ही योग क्रिया और आध्यात्मिक-ज्ञान के विषय में अग्रणी हैं। ऐसे महान् योगीश्वर को समझने के लिए महान् शक्तिशाली प्रात्मा, बहुत लम्बा समय लेकर ही इन्हें शायद कुछ समझ सकता है।
योगशास्त्र आदि अनेक आध्यात्मिक परम कल्याणमंत्र ग्रन्थों के रचयिता, योगनिष्ठ पुस्तक में से
आचर्य भगवान् श्री विजयकेसर सूरीश्वरजी महाराज
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