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कहा कि, तेने गुरु किया वह तो बहुत उच्च आत्मा है। मैं ऐसा नहीं जानता था कि इन्होंने इतने उच्च दरजे का योग साधन किया है। मेरे देखने में ऐसे महात्मा प्रथमबार ही आये हैं।
एक समय आबू में किशनचन्दजी ए.जी.जी. साहब के पास गये बात करने के बाद ए. जी. जी. ने फरमाया गुरुदेव से मिलना है, सेठ ने आकर छ: बजे का समय निर्णत कर सूचना दे पाए। ए. जी. जी. साहब आये और नौ बजे तक बातें की। आप इतनी देर तक ज़मीन पर बैठे रहे कुर्सी का उपयोग नहीं किया। बाहर आ किशनचन्दजी को कहा मुझे साक्षात ईश्वर मिल गये, इस तरह के कई चमत्कार विदेश जाते जहाज में, बिमारी में और कठिनाइयों में गुरुदेव द्वारा होनेका वर्णन सेठ किशनचन्दजी साहब अब तक करते हैं।
चंदनमल नागोरी
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