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आगम सूत्र ४५, चूलिकासूत्र - २, 'अनुयोगद्वार'
[४५] अनुयोगद्वार चूलिका सूत्र- २- हिन्दी अनुवाद
सूत्र - १
ज्ञान के पाँच प्रकार हैं । आभिनिबोधिकज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मनः पर्यवज्ञान, केवलज्ञान |
सूत्र - २
इन ज्ञानों में से चार ज्ञान स्थाप्य हैं, एक स्थापनीय हैं। क्योंकि ये चारों ज्ञान ( गुरु द्वारा) उपदिष्ट नहीं होते हैं, समुपदिष्ट नहीं होते हैं और न इनकी आज्ञा दी जाती है । किन्तु श्रुतज्ञान का उद्देश, समुद्देश, अनुज्ञा और अनुयोग होता है।
सूत्र - ३
यदि श्रुतज्ञान में उद्देश, समुद्देश, अनुज्ञा और अनुयोग की प्रवृत्ति होती है तो वह उद्देश, समुद्देश, अनुज्ञा और अनुयोग की प्रवृत्ति अंगप्रविष्ट श्रुत में होती है । अथवा अंगबाह्य में होती है ? अंगप्रविष्ट तथा अंगबाह्य दोनों आगम में उद्देश, समुद्देश, अनुज्ञा और अनुयोग प्रवर्तित होते हैं ।
सूत्र - ४
भगवन् ! यदि अंगबाह्य श्रुत में उद्देश, समुद्देश, अनुज्ञा और अनुयोग की प्रवृत्ति होती है तो क्या वह कालिकाश्रुत में होती है अथवा उत्कालिक श्रुत में ? कालिकश्रुत और उत्कालिक श्रुत दोनों में उद्देश, समुद्देश, अनुज्ञा और अनुयोग प्रवृत्त होते हैं, किन्तु यहाँ उत्कालिक श्रुत का उद्देश यावत् अनुयोग प्रारम्भ किया जायेगा । सूत्र - ५
यदि उत्कालिक श्रुत के उद्देश आदि होते हैं तो क्या वे आवश्यक के होते हैं अथवा आवश्यकव्यतिरिक्त के होते हैं ? आयुष्यमन् ! यद्यपि आवश्यक और आवश्यक से भिन्न दोनों के उद्देश आदि होते हैं परन्तु यहाँ आवश्यक का अनुयोग प्रारम्भ किया जा रहा है ।
सूत्र - ६
यदि यह अनुयोग आवश्यक का है तो क्या वह एक अंग रूप है या अनेक अंग रूप ? एक श्रुतस्कन्ध रूप है या अनेक श्रुतस्कन्ध रूप ? एक अध्ययन रूप है या अनेक अध्ययन रूप ? एक उद्देशक रूप है या अनेक उद्देशक रूप ?
आवश्यकसूत्र एक या अनेक अंग रूप नहीं है । एक श्रुतस्कन्ध रूप है । अनेक अध्ययन रूप है । या अनेक उद्देशक रूप नहीं है।
सूत्र - ७
आवश्यक का निक्षेप करूँगा । इसी तरह श्रुत, स्कन्ध एवं अध्ययन शब्दों का निक्षेप करूँगा ।
सूत्र - ८
यदि निक्षेप्ता जिस वस्तु के समस्त निक्षेपों को जानता हो तो उसे उन सबका निरूपण करना चाहिए और यदि न जानता हो तो चार निक्षेप तो करना ही चाहिए ।
सूत्र - ९
आवश्यक का स्वरूप क्या है ? आवश्यक चार प्रकार का है। नाम आवश्यक, स्थापना - आवश्यक, द्रव्यआवश्यक, भाव-आवश्यक ।
दीपरत्नसागर कृत् ” (अनुयोगद्वार) आगमसूत्र - हिन्दी अनुवाद*
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