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आगम सूत्र ३, अंगसूत्र-३, 'स्थान'
स्थान/उद्देश/सूत्रांक
३] स्थान अंगसूत्र-३-हिन्दी अनुवाद
स्थान-१ सूत्र-१
हे आयुष्मन् शिष्य ! मैंने सूना है, भगवान महावीर ने इस प्रकार कहा है। सूत्र-२
आत्मा एक है। सूत्र-३
दण्ड एक है। सूत्र-४
क्रिया एक है। सूत्र-५
लोक एक है। सूत्र-६
अलोक एक है। सूत्र-७
धर्मास्तिकाय एक है। सूत्र-८
अधर्मास्तिकाय एक है। सूत्र-९
बंध एक है। सूत्र-१०
मोक्ष एक है। सूत्र-११
पुण्य एक है। सूत्र-१२
__ पाप एक है। सूत्र-१३
आश्रव एक है। सूत्र-१४
संवर एक है। सूत्र-१५
वेदना एक है। सूत्र-१६
निर्जरा एक है।
मुनि दीपरत्नसागर कृत् " (स्थान)- आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद"
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