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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरकाले गच्छइ ॥२००॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणां एकारस गणहरा होत्या ॥२०१॥ से केणटेणं भंते! एवं वुचइ-समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा एकारस गणहरा होत्या? । समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे इंदभूई अणगारे गोयमे गोलणं पंच समणसयाई वातेइ, मझिमे अणगारे अग्गिभूई नामेणं गोयमे गोत्तेणं पंच समणसयाई वाएइ, कणीयसे अणगारे वाउभूई नामेणं गोयमे गोत्तेणं पंच समणसयाई वाएइ, थेरे अज्जवियत्त भारदाये गोत्तेणं पंच समणसयाई वाएइ, थेरे अज्जसुहम्मे अग्गिवेसायणे गोत्तेणं पंच समणसयाई वाएइ, थेरे मंडियपुत्ते वासिट्टे गोत्तेणं अछुट्टाई समणसयाई वाण्ड, थेरे मोरियपुत्ते कासवगोत्तेणं अद्भुदाई समणमयाइं वाएइ, थेरै अकंपिए गोयमे गोलणं थेरे अयलभाया हारियायणे गोत्तणं ने दुन्नि वि थेरा तिनि तिन्नि समणसयाई वाइंति, थेरे मेयज्जे थेरे य प्पभामे एए दोन्नि वि थेरा कोडिन्ना गोत्तेणं तिनि तिनि समणसयाई बाएंति, से एतेणं अटेणं अज्जो! एवं वुच्चइ-समणस्स भगवओ महावीररस नव गणा एक्कारस गणहरा होत्था ॥२०२॥ सव्वे एए समणस्स भगवओ महावीरस्स एकारस वि गणहरा दुवालसंगिणो चोदसपुब्विणो समत्तगणिपिडगधरा रायगिहे नगरे मासिएणं भत्तिएणं अपाणएणं कालगया जाव सव्वदुक्खपहीणा। थेरे इंदभूई थेरे अजसुहम्मे सिद्धिं गए महावीरे पच्छा दोन्नि वि परिनिब्बुया ॥२०३॥ जे इमे अजत्ताते समणा निग्गंथा विहरति एए णं सव्वे अजसुहम्मस्स अणगारस्स आवचिजा, अवसेसा १ जेटे अंतेवासी इंद० छ॥ २०मिमए अग्गिभा अणगारे गोय० ख-ग-५-छ ॥ ३ ॥ पते ण दु० च 1 ण पत्तेयं ते दु० छ॥ ४ सव्ये विण पते च-छ॥ ५ भत्तण ख-ग-घ-छ। ६जे ते अज्ज क॥ For Private And Personal Use Only
SR No.034664
Book TitleKalpsutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorPunyavijay, Bechardas Doshi
PublisherSarabhai Manilal Nawab
Publication Year1952
Total Pages255
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & agam_kalpsutra
File Size5 MB
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