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अने तमने सर्व कोई मान आपशे अने पूजशे एम कहेवातुं होय तोपण तेथी दीक्षा लेवा फोसलाववामां आवे छे एम कांई कहेवाय नहीं. दीक्षितने मान आपवामां आवे छे ए बात खरी छे अने ते सर्व कोई जाणे छे अने प्रत्यक्ष जुए छे. ए वतुस्थिति कांई खोटो नथी एटले ते आगळ धरवामां आवती होय तोपण तेनो समावेश फोसलाववामां करी शकाय नहीं. दीक्षाना लाभ तो बधा पक्षना जैनो कबूल करे छे. केटलाको विरोध छे ते दीक्षा सामे नहीं पण अयोग्य रीते अपाती दीक्षा सामे छे. सगीरने साधु तरफधी खोटी रीते भंभेरी अथवा खोटी लालच आपीने दीक्षा लेवानुं समजाववामां आवतुं होय एवी कांई हकीकत अमारा आगळ आवी नथी. खरी वात तो एछे के सगीर वयना बाळकोए प्रवचन वखते दीक्षानो महिमा सांभळ्यो होय अगर साधुने अपातुं मान जोयुं होय ते उपरथी तेओ पोते थईने दीक्षाना मोहवी ते लेवाने घेरी छानामाना नासी जाय छे अने साधु पासे हाजर थई दीक्षा आपचा मागणी करे छे. आवे प्रसंगे तेमने दीक्षा आपवामां साधुओ जे अयोग्य करे छे ते घणे भागे तेमने ललचावीने पोतानी पासे लाववामां नहीं पण आगळ जणाववामां आवशे तेम पोतानी आगळ दीक्षा लेवाने माटे आवेला सगीरोने घेर पाछा मोकलो देवाने बदले अगर तेमना मात्रापने खबर आपी तेमनी संमति छे के नहीं ते जोवा माटे तेमने बोलाववाने बदले तेमने गुपचुप दीक्षा आपी देवामां रहेलुं छे; अने तेथीज माबाप विगेरे तरफथी तेमना उपर फोसलाववा विगेरेना आरोप मुकत्रानो प्रसंग आवे छे.
४०. उपरना मुद्दाने मळतो बीजो आक्षेप एवो करवामां आवे छे के साधुओ अज्ञान वयना बाळकने दीक्षा आपका माटे नसाडी भगाडी लई जाय छे. आ आक्षेप कईक दरज्जे खरो जणाय छे. उपरना परिच्छेदमां जणाच्युं छे तेम साधुओ सगीरने घेर अगर इतर ठेकाणे ते होय त्यां जई तेने फोसलावाने नसाडी भगाडी जता नथी पण कोई सगोर पोतानी मेळे तेमनी पासे दीक्षा लेना आव्यो होय तो तेने घेर पाछो मोकलवाने बदले कोई जाणे नहीं एवी रीते तेने दीक्षा आपी देवाना इरादाथी तेने एक ठेकणेथी बीजे ठेकाणे लई जाय छे अगर मोकलावी दे छे. कोई साधुए कोई सगीरने पोताना माबापना कबजामांथी पोते थईने नसाडी भगाड ! लई जवानो दाखलो अमारी आगळ आव्यो नयी, पण एवा घणा दाखला आव्या छे के जेमां सगोर पोते थईने साधु पासे दीक्षा लेवा गया पछी साधुर तेने एक गामथी बीजे गाम मोकलावी दीवो हतो अने तेम करवानो तेनो हेतु मात्रापने खबर पडे ते पहेलां छूपी रीते दीक्षा आपी देवानो हतो. आवी रीते एक साधुए १३ वरसना कहेवाता एक छोकराने दीक्षा आपवा माटे अहींथी तहीं फेरव्यो हता एम पाटणमां थयेली फरियाद उपरथी नीकळ्युं हतुं. जो के पाछळथी एम जणायुं हतुं के ते छोकरो तेर वरसनो नहीं पण सज्ञान वयनो होई पोतानी खुशीथी दीक्षा लेवा गयो हतो; एम जणायाथी साधुने छोडी मुकवामां आग्यो हतो तोपण तेने दीक्षाना उमेदवार तरीके
साधुओ दीक्षा माटे साडे
भगाडे छे के केम ?
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