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प्राक्कथन
दिनांक 2 व 3 ज न, 1976 को राजस्थान जैन संघ, सिरोहो द्वारा जैन श्री संघ के प्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं का सम्मेलन, देलवाड़ा जैन श्वेताम्बर मंदिर, आबू के वल्लभ लायब्ररी कक्ष में आयोजित किया गया था । उक्त सम्मेलन में पारित प्रस्तावों को कार्यान्वित करने के लिए विभिन्न प्रयास किये गये थे। उसके पश्चात् 10-11 वर्ष की समयावधि में जो कार्य हुआ वह सर्वविदित है।
उस समय से कई कार्यकर्तागण यह महसूस कर रहे थे कि उन सबका मिलन पुनः हो और विचार-विमर्श कर भावी रूपरेखा राजस्थान में बनाई जावे और समस्त श्री संघ, जैन धर्म एवं उनके प्रन्यासों की सम्पत्ति के विषय में निर्णय लिये जावे । उसके फलस्वरूप सम्मेलन का आयोजन दिनांक 31 मई से 1 जन, 1987 को देलवाड़ा मंदिरों के प्रांगण में वल्लभ लायब्ररी कक्ष में किया गया और जो निर्णय लिये गये हैं वे प्रस्ताव के रूप में प्रस्तुत हैं।
सम्मेलन में हुई कार्यवाही की रिपोर्ट, राजस्थान जैन संघ की प्रवृत्तियों की संक्षिप्त रिपोर्ट, पारित प्रस्ताव, कार्यकारिणी समिति, विशेष आमन्त्रित समिति एवं सलाहकार समिति के सदस्यों की सूची आदि इस पुस्तिका में संकलित की गई है।
आशा है पुस्तिका उपयोगी सिद्ध होगी। 14 जन, 1987, सिरोही।
(पुखराज सिंघी)
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