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खरतरगच्छ महासंघ उपवन, सर्जन में सहयोग करे आश्वासन के साथ जयध्वनि गूजित हुई विराम घरे २५२
रात्रि में अभिनन्दन समारोह सुशोभित और परम पवित्र, पालीताणा का हरि विहार रंग बिरंगे ध्वजा पताका से दर्शनीय स्वागत द्वार २५३ प्रशंसनीय रोशनी विद्युत की माला पहन किया शृंगार राजमहल की तरह दीपता, प्यारा प्यारा हरि विहार २५४ निशा ज्योतिर्मय शान मन्दिर अभिनन्दन कार्य प्रारंभ हुआ पूज्य प्रवर गणमान्य अन्य सभी योग्यस्थान को प्राप्त किया २५५ समारोह अध्यक्ष कमिश्वर मेहता देवेन्द्रराजजी थे। मुख्य अतिथि चीफइन्जिनियर जैन दुर्गादासजी थे २५६ सर्व प्रथम मंगल प्रार्थना लघुमुनिवृन्द ने फरमाया स्वागतगान की मधुरध्वनि विशाल हाल को गुंजाया २५७ महासंघ के प्रेरक नायक प्राण तुम्ही कान्ति प्यारे खरतरगच्छ महासंघ दिशादर्शक अभिनन्दन स्वीकारे २५८ अखिल भारतीय जैन संघ को गुरुवर तुमपे नाज है अनुमोदन कर रहे हृदय से जैन संघकी आवाज है २५९
महासंघपति भंवरलालजी बोहराका अभिनन्दन जिनके सन्मुख सर्व प्रथम यात्रा का भाव दर्शाया कान्ति विचार करने साकार दृढ़ संकल्प बनाया २६० अल्प समय में बृहत् कार्य को मूर्तरुप देने वाले महासंघपति सरल मनस्वी भंवर बोहराजी आले २६१ पुष्पहार द्वारा महासंघने बोहराजी का किया सन्मान महाकार्य स्मृति निम्न लिखित अमिनन्दनपत्र किया प्रदान २६२
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