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प्राचीन तिब्बत प्राणी को भारी से भारी मूल्य भी देना पड़ता है। देखो, यदि तुम्हें 'सुगम मार्ग' पसन्द न हो तो तुम्हारे लिए अन्य भी कई रास्ते हैं। तुम उनमें से कोई एक अपने लिए चुन सकती हो"। ___ मैं क्या करती ? चुप रही और थोड़ी देर बाद वहाँ से उठकर चली आई।
जिन लोगों को चोड़ का फल एक बार प्राप्त हो जाता है, उन्हें फिर इस क्रिया के 'नाटकीय अङ्ग' के करने की कोई आवश्यकता नहीं रह जाती। तब केवल एकाग्रचित्त होकर बैठकर उसकी भिन्नभिन्न अवस्थाओं को, मस्तिष्क में लाना पड़ता है और कुछ समय के बाद तो यह अभ्यास भी अनावश्यक सा हो जाता है।
पर पता नहीं अपने पिछले दिनों के सफल श्रम के सन्तोष को याद करके या किन्हीं और कारणों से जिन्हें केवल वही जानते हैं कभी-कभी कई गोमछेन तो एक साथ मिलकर चोड़ करने के लिए इकट्ठ होते हैं। एक बार इस सम्मिलित नृत्य को देखने का भी मेरा सौभाग्य हुआ था। खाम प्रदेश के लम्बे क़द के आदमी बड़े सफेद लबादों को ओढ़े हुए, तारों भरी रात में डमरू के ताल पर तुरही बजा-बजाकर नाचते थे। उनके तेजपूर्ण मुखमण्डल पर सांसारिक लिप्साओं को 'कुचल डालने' का गर्वोल्लास स्पष्ट रूप से अङ्कित था। नाचने के बाद वे अनिश्चित समय के लिए ध्याना. वस्थ हो गये। उसी ध्यान में पाल्थी मारे शरीर सीधा किये और आँखें मूंदे हुए वे सबेरा हो जाने पर भी कई घण्टों तक उसी प्रकार मूर्तिवत् बैठे रहे। मेरा विश्वास है, इस दृश्य को मैं कभी भी भुला न सकूँगी।
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