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प्राचीन तिब्बत देते। लेकिन 'जेत्सुन्मा' तुम एक सच्ची 'गोमछेन् मा' हो, यद्यपि कुछ लोग तुम्हें फिलिङ्ग* कहते हैं। हमारे सवाद् लामा (आध्यात्मिक गुरु) बड़े भारी जादूगर थे; फिर भी अपना फुर्वा वे तुमसे छीन न सके। अब उसे तुम्हीं अपने पास रक्खो। हाँ, वह खजर तुम्हारे पास रहेगा और अब किसी को हानि नहीं पहुँचावेगा।"
वे सब एक साथ बोले और एक साँस में यह सब का सब कह गये। मैंने देखा, भय के मारे उनकी आँखें निकल आई हैं। यह जानकर कि उनके शक्तिशाली बड़े लामा उनके इतने निकट
आ गये थे, वे कॉप गये। यह सोचकर कि अब उस भयानक जादू के खजर से उन्हें छुटकारा मिल गया है, वे बहुत कुछ प्रसन्न दीखने लगे।
निर्भयता प्राप्त करने के कुछ उपाय शायद ही संसार का कोई दूसरा देश ऐसा हो जहाँ के निवासियों में तिब्बत से अधिक भूत-प्रेत, टोना-टटका-सम्बन्धी कहानियाँ सुनने में आती हो। वास्तव में यदि किंवदन्तियों पर भरोसा करके दोनों की गिनती की जाय तो यही पता चलेगा कि तिब्बत में रहनेवाले आदमियों की संख्या यहाँ के पेड़ों, चट्टानों, घाटियों, मोलों, झरनों आदि में लुके-छिपे भूतों और चुड़ेलों की अपेक्षा कहीं कम है। ____ इन भूतों को अपने वश में लाने का गुण सभी के पास नहीं होता। यह विद्या जिसे मालूम होती है, उसकी खुशामद करने कोपचासों आदमी हमेशा तैयार रहते हैं। मन्त्रों की दीक्षा के वास्ते चेले बनाने के लिए सैकड़ों उसके तलवे चाटते रहते हैं।
* विदेशी व्यक्ति।
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