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तिब्बत को एक प्रख्यात गुम्बा ये लोग कुछ ऐसे उत्तेजित से मालूम देते थे जैसे अभीअभी उनके बीच कोई खास बात हो गई हो। लेकिन कुछ तो अपनी भलमनसाहत से और कुछ मेरे और लामा यौङ्गदेन के वैरागियों के से कपड़ों को देखकर उन्होंने हम लोगों के लिए एक कमरा खाली कर दिया और हमारे जानवरों को भी अस्तबल में जगह दिला दी। __ शाम होते होते हमारी जान-पहचान कुछ और बढ़ गई और मङ्गोलों ने हमें अपने साथ चाय पीने के लिए बुला भेजा। बातचीत के सिलसिले में मालूम हुआ कि ये लोग सशाऊ होते हुए ल्हासा जाने के लिए निकले थे। लेकिन जिस काम के लिए ये लोग तिब्बत की राजधानी को जा रहे थे वह अकस्मात् उसी दिन प्रान्सी में पूरा हो गया और अब वे वहीं से आगे बढ़ने के बजाय वापस लौट जायेंगे। ___बात यह थी कि इन लोगों के विहार के तुल्कु की जगह खाली. हो गई थी और कोई २० साल से ऊपर हो गये थे लेकिन उसके लिए उन्हें कोई उम्मीदवार नहीं मिल सका था। बहुत कुछ कोशिश करने पर भी इन लोगों को मठ के पुराने प्रधान का पता न मिला। सब तरफ़ से हारकर अब ये लोग दलाई लामा के पास अपनी फरियाद लेकर जा रहे थे कि वही उन्हें इस बात का पता दें कि मठ के प्रधान ने मरकर फिर कहाँ जन्म लिया। लेकिन उनके ल्हासा तक पहुँचने की नौबत भी नहीं आई और बोच ही में लामा तुल्कु अपने आप खुद उनसे आकर मिल गया था। शायद दलाई लामा को पहले से ही इन लोगों के बारे में पता चल गया था और उसन किसी तरह इस काफिले के ल्हासा तक पहुँचने के पहले. ही उनके लामा तुल्कु को उनसे मिला दिया था।
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