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तिब्बत की एक प्रख्यात गुम्बा कहना न होगा कि जब कभी किसी बड़े लामा तुल्कु या विहार के महास्थविर की जगह खाली होती है तो इन झगड़ों का उठना जरूरी होता है। ऐसे मौक पर कई बड़े घराने अपने-अपने कुटुम्ब के किसी उम्मेदवार को तुल्कु बना देने की इच्छा रखते हैं।
प्रत्येक गुम्बा में बड़े लामा तुल्कु को छोड़कर और कई छोटेछोटे तुल्कु होते हैं। कभी-कभी इनकी संख्या सैकड़ों तक पहुँचती है । ये लोग तिब्बत में और तिब्बत के बाहर मंगोलिया में बड़ीबड़ी जायदादों के मालिक होते हैं। इनमें से छोटे से छोटे का समीपी संबंधी होना बड़े भाग्य की बात है। __ इसलिए तुल्कु के रिक्त स्थान के लिए तरह-तरह के चक्र और षड्यंत्र चलते रहते हैं। और खाम या उत्तरी सीमा प्रान्त के बहादुर लोगों में इसके लिए थोड़ी बहुत धन-जन की हानि कर देना कोई बहुत बड़ी बात नहीं होती है। ____ अनेक बार पिछले जन्म की चमत्कारपूर्ण घटनाओं को ज्यां का त्यों बयान करके कम उम्रवाले बालक अपनी स्मरण-शक्ति का विलक्षण परिचय देते हैं। इन कहानियों में हमें तिब्बती लोगों के अन्धविश्वासों, धूर्तताओं और मूखेताओं का बड़ा भाग मिला हुआ दिखाई देता है। ___ कमबम में मैं पेग्याई लामा के बड़े मकान में रहती थी। हमारे पड़ोस में एक साधारण तुल्कु आग्नेय-सांग का घर था। गृहस्वामी को मरे हुए सात साल हो गये थे और अभी तक इस बात का पता नहीं चला था कि पुराने मालिक ने दुबारा कहाँ जन्म लिया। पर मेरा अनुमान है कि गुमाश्ते को इसकी कोई विशेष चिन्ता न थी। वह कुछ बेफिक और खुशहाल मालूम पड़ता था।
कहते हैं, एक बार मालगुजारी के प्रबन्ध के सिलसिले में गुमाश्ता एक गाँव में पहुँचा। उसे प्यास लगी थी और वह
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