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माम लोग तो जाक बात बतला विधान, जस का मिल पटनाओं में
इच्छा-शक्ति और उसका प्रयोग १२७ मानसिक विचारों को प्रभावित करने की चेष्टा को जाती है। कुछ लोग तो जानवरों तक के ऊपर प्रयोग करते हैं।
यहाँ पर एक बात बतला देनी जरूरी है और वह यह है कि इस प्रकार के मेस्मेरिज्म के विधान, जैसे अचानक छत से पत्र का नीचे गिर पड़ना या तकिये के नीचे लिफाफे का मिल जाना तिब्बती लामाओं का बिल्कुल अज्ञात हैं। इस प्रकार की घटनाओं से सम्बन्ध रखनेवाले सवाल पूछे जाने पर वे इसे मजाक समझकर हँस पड़ते हैं। उन्हें किसी प्रकार विश्वास ही नहीं होता कि सवाल करनेवाला सचमुच हँसी नहीं कर रहा है। मुझे याद है कि मेरे मुंह से यह सुनकर कुछ फिलिङ्ग के लोग इस प्रकार के साधनों से मृत आत्माओं से बातें करने में विश्वास करते हैंताशिल्हुन्पो के एक लामा ने बड़ी मज दार बात कही थी--"और क्या, यही वे लोग हैं जिनके बारे में मशहूर है कि उन्होंने हिन्दुस्तान फतह किया है।" उसने फिलिङ्ग लोगों के बादेपन पर विस्मय प्रकट करते हुए कहा था।
तिब्बतवासी इन अभ्यासों में साल के साल लगा देते हैं। इनमें से कितनों को सफलता प्राप्त होती है और कितने बेचारों को असफलता, यह तो परमात्मा ही जानता है। और चाहे जो हा, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं को काफी ऊँचे पहुँचे हुए आध्यात्मिक गुरु लामा बिल्कुल बेकार की बात समझते हैं। उनका कहना है कि इस तरह की कौतूहल-पूर्ण शक्तियों के लिए उद्योग करना बच्चों का खिलवाड़ मात्र है। ___ कई वर्ष तक के अनुभवों के आधार पर मैं यह कह सकती हूँ कि तिब्बत देश में प्रकृति देवी ने कुछ ऐसा सामान ही जुटा दिया है और यहाँ की भूमि में कुछ खास-खास बातें ऐसी हैं
* विदेशी लोग।
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