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छठा अध्याय
इच्छा-शक्ति और उसका प्रयोग लङ्-गोम्-पा
'लड-गोम्' समस्त शब्द के अन्तर्गत तिब्बती लोगों के प्राणायाम से सम्बन्ध रखनेवाले ऐसे बहुत से अभ्यासों का अन्तर्भाव हो जाता है, जो शारीरिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बड़े उपयोगी सिद्ध हुए हैं।
ल-गोम् के अभ्यासों से भिन्न-भिन्न प्रकार की शक्तियाँ प्राप्त होती हैं, यद्यपि लङ्-गोम् शब्द का प्रयोग अब एक विशेष अभ्यास के लिए होता है जो शरीर में एक आश्चर्यजनक स्फूर्ति और हल्कापन ला देता है और लङ गोम्पा मिनटों में कोसों की ख़बर लेता है।
इस प्रकार की एक विद्या की सचाई और उसकी करामातों में तिब्बतियों का विश्वास बहुत पुराने समय से रहा है और हमें अनेक प्रचलित कहानियों में वायुवेग से जानेवाले लामाओं का उल्लेख मिलता है। मिलारेस्पा स्वयं ऐसो शक्तियों की डींग मारता है और बतलाता है कि कैसे उसने उसी कासले को जिसे ते करने में उसे क़रीब क़रीब एक महीना लग गया था इस विद्या को सोखने के बाद केवल कुछ दिनों में समाप्त किया था। इस अद्भुत शक्ति का कारण वह प्रारण वायु पर पूर्ण अधिकार बतलाता है। इसमें किसी को सन्देह नहीं हो सकता कि यह काम बहुत ही कठिन है और वास्तव में सच्चे लड्- गोम्पा बहुत ही इने गिने लामा होते हैं। सभी तिब्बती यात्राओं में सदैव भाग्य ने मेरा साथ दिया है ।
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