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प्राचीन तिब्बत
के पुस्तकालय में मौजूद हैं। साथ चलकर इन किताबों से पूरा-पूरा लाभ उठाओ ।" कर्मा सोच में पड़ गया। लामा तुल्कु का साथ देना ही बाद, कहते हैं, उसकी यह क जैसे तैसे दूर हुई ।
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इसके बाद फिर कर्मा दोर्जे साधु हो गया और मिलारेस्पाजिसके प्रति उसके हृदय में बड़ी प्रगाढ़ श्रद्धा थी— की तरह घूमघूमकर जीवन व्यतीत करने लगा। जब मैं उससे मिली तब वह बिल्कुल बुड्ढा हो गया था। लेकिन कहीं एक जगह पर घर बनाकर रहने का उसका विचार तब भी नहीं था ।
रिम्पोछे की राय है कि तुम मेरे
लेकिन कुछ सोच-समझकर उसने ठीक समझा । और कोई १३ साल
वास्तव में ऐसे बहुत कम संन्यासी या नालजोपो मिलेंगे, जिनकी अपने गुरु के खोजने की कहानी इतनी विचित्र और रोचक होगी। हाँ, प्रत्येक शिष्य की आध्यात्मिक शिक्षा से सम्बन्ध रखनेवाली कुछ न कुछ विचित्र घटनाएँ अवश्य होती हैं। बहुत सी सुनी हुई कहानियाँ और 'चेले' की हैसियत से स्वयं अपने कुछ अनुभव मुझे इन अनूठी बातों में से बहुतों पर विश्वास कर लेने के लिए विवश कर देते हैं
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