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________________ उपर जणावेला कर्मग्रन्थोमां बलेव, दशरा वगेरे तेहेंवार दीवसे राजाओए केवी क्रियाओ करवी तेनी वीगत नीचे प्रमाणे छे. ७७ ब्राह्मण, क्षत्री, वैश्योए बलेवने दिवसे विश्नु तथा सप्तऋषीनुं पूजन विगेरे क्रियाओ करी, नूतन उपवीत धारण करी दान पूजन करवुं ए ए दिवसनुं कर्म छे. हालना समयमां ब्राह्मण शिवाय क्षत्रिय के वैश्य जनोइ धारण करता नथी, पण कोइ देशभां तेओ पण उपवीत धारण करेछे. तो जे धारण करे तेणे बतावेल क्रियाओ करवी, पण राजाओए ते दिवसे अमुक हिंसा करवी एवं कोइ ग्रन्थमां नथी, छतां राज्यमां उपर जणावेला दिवसोमां पशुवध करवामां आवे छे ते उभय शास्त्रोंना वचनथी विरुद्ध छे. माटे आविषे वधु विवेचन करवा जरुर नथी, पण दशराने दिवसे अमुक विधि करवो तेम उपर जणावेळा कर्म ग्रन्थोमां छे. अलंकृती भूषितभृत्यवर्गः वाजित्रनादप्रतिनादिताशः ॥ सुमंगलाचारपरंपराशीः, निर्गत्य राजा भवनात् स्वकीयात् ॥ १ ॥ , राजा निर्गत्य भवनात्, पुरोहित पुरोगमः प्रस्थानक विधिं कृत्वा, प्रतस्थे पूर्वतो दिशि ॥ गत्वा नगरसीमान्तं, वास्तुपूजां समाचरेत् । संपूज्य चाथ दिक्पालान, पूजयेच्चान्यदेवताः ॥ मंत्रैर्वैदिकपुराणैः पूजयेच्चशर्मितरुं । पूज्यान् द्विजांश्च संपूज्य संवत्सरपुरोहितौ ॥ गजवाजिपदातीनां प्रेक्षाकौतुक माचरेत् । जयमंगलशब्देन, ततः स्वभवनं विशेत् । यएवं कुरुते राजा वर्षे वर्षे सुमंगलं ॥ आयुरारोग्यमैश्वर्य विजयं च दिने ॥ नाधयो व्याधयस्तस्य भवन्ति न पराजयः । श्रियं पुण्यमवाप्नोति विजयं च सदा भुवि ॥ • आ प्रमाणे राजाओए विजया दशमीने दिवसे आटलीज क्रियाओ करवी एम वेदना गोपथ ब्राह्मण नामना ग्रन्थमां कह्युं छे एटलुंज नहिं पण महाभारत, वाल्मीक रामायण, निर्णयसिंधु, धर्मसिंधु, देवी रहस्य तथा देवपूजन पद्धति विगेरे तांत्रिक ग्रन्थोमां उपर जणावेल विधि छे पण आ विजया दशमीने दिवसे पशु मारखं एवं उभय मतना ग्रन्थोमां सप्रमाण नथी. माटे आ दिवसे हिंसानुं कर्म कर ए उभय प्रकारे धर्म विरुद्ध कर एम गणाय. कोइ माणस संपूर्ण शास्त्रीय मार्गने नहीं जाणता छतां अज्ञानताथी एवी शंका करे के राजाओए देवी तथा भैरव क्षेत्रपालादि ग्रामदेवताओंने पशु आदिकना रुधिरमांसनुं बलीदान आपवुं के जेथी ते देवताओ प्रसन्न भई राजाओ वगेरेने विघ्न नाश करे आवी शंका जे छे ते अशास्त्रीय छे अने उभय Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034575
Book TitlePashu Vadhna Sandarbhma Hindu Shastra Shu Kahe Che
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year
Total Pages309
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & Book_English
File Size24 MB
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