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________________ ४९ ॥ मुन्यन्नैः स्याद्यथा प्रीतिस्तथा न पशुहिंसया ॥ पवित्र अन्नथी जेवी देवताओने प्रीति थाय छे तेवी पशुहिंसाथी थती नथी. तेमज । अहिंसा परमो धर्मः ॥ ए वाक्य सर्व सम्मत छे त्यारे धर्मने बहाने प्राणीनो घात करवो ते करतां तेवा धर्मथी अलगु रहेg तेज वधारे उत्तम छे. उपरनी बाबत विषे श्री भागवत एकादशस्कंधमां तो सकाम कर्म करवा वाळानो तो एटलो तिरस्कार करेलो छे के जे सांभळवाथी साधारण लोकोने पण एमज थाय के तेवा कर्मथी अलगुंज रहेg जोइए. तेमन पद्मपुराण, वायुपुराण, स्कंदपुराण, विगेरे पुराणामां पण 'अहिंसा एज मुख्य धर्म छे, एम स्पष्ट लखेलुं छे. अने आ पर्वमा पशुधात करवो ए कोइ पण प्रकारनो विधि प्रयुक्त नथी; एम घणी रीते सिद्ध थाय तेम छे. पण थोडा वखतने लीधे संक्षेपमां फक्त उपरनी बाबत लखेली छे. बाकी ते विशे विशेष विचार चलाववो होय तो मोटो विस्तारयुक्त ग्रंथ थाय एटलो विचार तेमां थई शके तेम छे. ____१ सम्मतिरत्र खोपपादितेर्थे शास्त्री छगनलाल शर्मणः २ सम्मतिरत्र जीवरामशास्त्रिणः ३ सम्मतिरत्र इच्छाशङ्करशास्त्रिणः ४ सम्मतिरत्र नथुरामशास्त्रिणः ५ सम्मतिरत्र कांताप्रसादशास्त्रिणः ६ सम्मतिरत्र प्रभुरामात्मज भगवच्छास्त्रिणः ७ सम्मतिरत्र वाघजी शर्मात्मज लाधारामशर्मणः ८ सम्मतिरत्र प्राणजीवनशास्त्रिणः ९ सम्मतिरत्र शास्त्री जयशंकरशर्मणः १० सम्मतिरत्र शास्त्री केशवरामात्मज बदरीनाथशर्मणः ११ सम्मतिरत्र गवयपुरनिवासिनः भट्टाऽवटंक रामभट्टशर्मणः १२ सम्मतिरत्र मूलशंकरशास्त्रिणः १३ सम्मतिरत्र भायावरदनिवासिनः केशवलालशास्त्रिणः १४ सम्मतिरत्र मथुररामशर्मणः १५ सम्मतिरत्र प्रमाशंकरात्मजमयाशंकरस्य Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034575
Book TitlePashu Vadhna Sandarbhma Hindu Shastra Shu Kahe Che
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year
Total Pages309
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & Book_English
File Size24 MB
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