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क्रिया पारसीओ करे छे, तेज धर्म वेद छे. ते माटे विद्वानोए चोकस नक्की कर्यु छ,, ते परथी हुँ खात्री साथ कहुं छु के वेदमा पशुहिंसा करवानें कोई फरमान नथी. ए रिवाज धर्मनीति माणसाई समजथी उलटो छे.
असलना राजाओ लढाई करवा जता त्यारे देवने भोग आपवानो रिवाज पाडेलो . जणाय छे. अथवा बीजां घणां कारणो छे. पण ते लखवानी जरुर जोतो नथी. जे
काम करवाथी राजा, प्रजा खुशी थाय ते कर्तव्य करनारने आ दुनियामां ने स्वर्गमां सुख मले छे एथी सरस बीजुं कर्तव्य ते शुं होय ?
एटली दीलगिरी छे के, मारु खरं नाम आपवानी मारी हिंमत चालती नथी. लि. राज्यनो विश्वासु ने आपणो तथा राज्यनो ताबेदार वेय हाथ जोडी नमुं छु..
लि गरीब गामडीओ पारसी.
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