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आपणा हिंदु पंडितो तेमना हक्क विरुद्ध विद्वत्ता भरेला दाखला बतावे छे. एवा वखतमां मारा मानीता तथा मानपामेला पारसी विगेरे सर्व कोमना माबाप जेवा राज्यमा ए रिवाज हसती भोगवे ए मुसलमान कोमने आंगळी देखाड्या जेवू छे. एटलुंज नहीं पण गौरक्षक मंडलीना आपणा मेंबरोने आ रिवाज कहाडी नांखवानी बहु होस छे. ए मंडळीमां मोटा मोटा महाराजाओ ने मोटा मोटा शेठीया सामेल छे. ए मंडळीने हालमां सारी रीते मान आपे छे. ते सारी पेठे जाणो छो, के शीगडावालां पशु- रक्षण कर्ता सुधारक शेठ लक्ष्मीदास खीमजी केटलुं बधुं दुःख खमे छे. ने सरकारनी इतराजीमां तेओ पण आव्या छे. तेनुं कारण के मात्र परमेश्वरने पोतानां कर्तव्यनो जवाब आपवा माटेज. तेओ लक्षपति शेठीया होवाथी तेमणे नाम कहाडवानी के पैसों कमाववानी भूख नथी. वली ए. पाडानी संख्या १३ नी दशरापर थवा जाय छे. ने बलेवना जूदा छे हवे विचारो साहेब के दरसाल आटली मोटी संख्या विना कारणे मारी नांखवामां आवे तेथी राज्यनी आबादी केटली बधी ओछी थाय? खेती माटे आपणे त्यां बलद-पाडा-नी बहु खोटी थई छे. पांच दश वर्षपर बलद पाडानी एटली बधी भछत नहोती, हालमां खेडुओने भाडं आपता बलद पाडा मलता नथी. ने हाल वगर हाथे करीने बराबर खेती थई शकती न होवाथी सेंकडो गरीबो भूख वेठे छे. ते आप जाणता हशो. वली आ मोटी संख्याना पाडानो बचाव करवामां आवे तो राज्य प्रजानी आबादी वधशे. कारण के ए पाडानी किम्मतना रुपैया धर्मपुर रईयतपर फालो नाखवामां आवे छे. तेभोना मुखीयो गरीब लोको पासे पाडानी कीमतथी वधु रुपैयानो फालो नांखी बाकीना रुपैयानो पोते उपयोग करे छे. ने एकाद नानुं पाडं लावे छे. मतलब के एमाथी गरीबोर्नु मरण थाय छे. ते दाखलो हुं जाते जाणुं छं. तेथी लख्यो छे..
: अमारा नामदार गरीबनी उपर दया लावनारा महाराणाश्रीनो आ पशुहिंसा बंध करवानो विचार बहुज मान भरेलो छे. आप साहेबनी आखी दनियामां आ रिवाज बंध करवाथी कीर्ति वधशे. ' धरमपुरना लवाणा विगेरे वेपारीओ.ए रिवाजथी बहु कंटाळेल छै; दरेक समजू माणस ए रिवाज़थी विरुद्ध छे. आपणो सातमो प्रश्न बहु वांधा भोलो छे... तैम करवाथी आपणी अर्धी कीर्ति अर्धे रस्ते अटकी पडशे, ने जे नियम राखवामां आवे छे, ते उंधो.वलशे. एटले के सातमां सवालमा वर्तवाथी राजाने के प्रजाने लाभ शु! प्रजाने माथे तो तेनो तेज भार रह्यो. जानवरोपर घातकीपणुं गुजरनारी मंडली जे गुन्हा माटे माजीनेट आगल उभो करीने शीक्षा करावे छे. तेज गुन्हाना करवा जे, आप विचार करो ए नीतिथी उलटुं थशे.. ने तमाम हिन्दु प्रजा राजी थशे नहीं, माटे हुं धणाज मान साथे विनति करुं धुं के सातमा प्रश्न प्रमाणे वर्तवानो विचार कदी पण करशो नहीं. अमारा पारसी.
ओनां धर्मपुस्तक, तमारा वेद एकज छे. पारसीधर्म ने हिन्दुधर्म बहारथी जुदा रूपमा देखाव दे छे. पण बारीकाइथी जोशो तो एकज छे. अवस्ता ने वेद भाई-बेन जेवां छे. जे धर्म
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