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________________ सहाय करी शके के नहीं ? जो न करी शके, तो पछी नबळाना पक्षमां न रहे. हवे आ बे देवमां शुभ कर्म करनार देव छे ते बळवान छे, अने अशुभ कर्म करनार निर्बळ छे; एम जणाय छे. कारण के अशुभ कर्म करनाररांकनी पेठे दबायला जोवामां आवे छे. वळी शुभ करनाराओनो पक्ष ईश्वर करे छे अने अशुभ करनाराओनो ईश्वर संहार करे छे एम सांभळवामां आवे छे तो आअशुभ करनार देवने तेमने लायक तेवो खोराक आपतां शुभकर्म करवावाळा देवो नाराज थायके केम ? तो विचारी जोतां अलबत नाराज थवाज जोइए, अने ज्यारे नाराज थाय तो पछी ओ बळवान देवनो द्रोह करी निर्बळ देवना पक्षमा रहेवाथी दुःख अवश्य सहेवून पडे. हवे विचार करीए के ए अशुभ देवनो खोराक शुभ छे के नहीं ? कारणके जो बीजो खोराक न होय तो लाचार-जेमके सिंहनो खोराक मांसज छे, तेनी आगळ चहाय तेटला बीजा सारा पदार्थ मूकीए तो ते नकामा; तेम आमनुं तो नथी ? विचार करतां जणाय छे के ते देवाने एम नथी कारणके ते देवाने तेने बदल बीजा पदार्थो आपीए तो पण तेओ खराब खोराक आप्या बराबर तृप्त थाय छे एम सांभळ्युं छे. तो जो बीजो खोराक सारा देवने अनूकुळ होय तो ते आपवाने हरकत नथी; विचारतां प्रतिकूळ नहीं; कारणके तेथी शुभ देवने खोटु नथी लागवान, ने अशुभ देवने तेथी तृप्ति पण तेवीज थाय छे. विचारतां अडचण नथी तो आथी बनेनुं मन सचवाय छे ज्यारे बनेनुं मन सचवाय अने बने रानी थाय एम थतुं होय तो तेवा उपाय छोडीने बीजी रीते साराने द्वेष करी अशुभने रानी करे तेना जेवो बीजो अणसमजु कोण ? कोईज नहीं; माटे सुज्ञे तो बन्नोने रानी रखाय तेम कर, एटले पशुबलिने बदले बोजा पदार्थों आपवा-जेवाके साकरकोळु, शेरडी, श्रीफळ, कमळ वगरे आपवा ते उत्तम छे. अने तेथी बने राजी थशे. तथा सांभळयु छे के देवीए चोख्खं कर्तुं छे के मारा माहात्म्य, एकवार श्रवण ते एक वर्ष सुधी पशुबलि वगेरे पूजा करी मारी प्रीति मेळवे तेना बरोबर छ ज्यारे पाठ श्रवणथी एटलो बधो लाभ छे तो ते वधु लाभ मूकीने ओछो लाभ लेवानुं समजु तो नज करे. वळी ते देव- उपासन आपणे आधीन छे के ते देवने आधीन ? एम विचारतां उपासना देवने आधीन नथी पण उपासकने आधीन छे, एम सांभळयु छे, अने विचारतां पण एमज जणाय छे के जेनी प्रीति मेळववी ते प्रीति मेळवनारने आधिन छे. अने ते प्रीति प्रेमवडे छे, पण प्रेम विना चहाय तेवा सारा पदार्थों आपीए तेथी प्रीति थती नथी; ने तेमनी साथे शुद्ध अंतःकरणथी, उजळा मनयी थोडं आपीए तो ते पण बहु मनाय छे अने तेथीज प्रीति थाय छे. ___ स्थूळ बुद्धिए प्रत्यक्ष प्रमाणथी जोतां जे देवने बलि आपे छे ते देव देखातो नथी. एटलुंज नहि पण जे आपीए छीए ते ते लेतो होय एम पण जणातुं नथी. तेना आगळ जेटलुं धरीए तेटरों ने तेटलुंज रहे छे तेमां जरा पण फेरफार पडतो नी; त्यारे ए देव छे ए शी खात्री के ते देव आगळ आपणे ते पशुने मूकीए ? तेम न मनाय तो तेना आगळ पशु मूकीए पछी जो तेनामां सामर्थ्य हशे तो ते पशुने ते देव उपयोगमा लेशे. अने जो न लेतो पछी ते देव छे, अने तेने न आपीए तो ते नुकशान करे एनी शी खात्री? ते तेनो पोतानो खोराक लई शकतो नथी Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034575
Book TitlePashu Vadhna Sandarbhma Hindu Shastra Shu Kahe Che
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year
Total Pages309
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & Book_English
File Size24 MB
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