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नागोर के वर्तमान
और
खर-तरों का अन्याय
मारवाड़ में नागोर एक प्राचीन शहर है। पूर्व जमाने में यहां जैनियों के हजारों घर अच्छे आबाद थे पर वर्तमान ओसवालों के केवल ४०० घर रहे हैं जिसमें करीब २०० घर मूर्तिपूजक और २०० घर स्थानकवासियों के हैं मूर्ति पूजकों में करीब ६० घर खरतरगच्छ और शेष तप गच्छ के हैं। जन कल्याण के लिये यहाँ धर्म स्थान भी बहुत से हैं जैसे कि:जैन मन्दिर
१ - श्री आदीश्वरजी का मन्दिर जो बढ़े मन्दिर के नाम से मशहूर है वहाँ श्री संघ की पेढ़ी भी हैं तथा मन्दिर के हाता में एक कवलागच्छ का उपासरा हैं जिसमें सच्चायिदेवी की मूर्त्ति भी हैं। २- श्री आदीश्वरजी का मन्दिर जो हीरावाड़ी के अन्दर हैं उनको श्रीमान् हीराजी श्रोसवाल नागपुरी (तपादच्छाय ) ने
बनाया था ।
* तपागच्छ एवं उपकेश (कवला) गच्छ की क्रिया प्रायः मिलती जुलती होने से वे एक ही हैं पायचंद गच्छ एक नागपुणे पागच्छ की शाखा है ।
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