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विभिन्न युद्धों में लड़कर मारे गए कुछ वीरों के नाम
(सूरजमलोत), आसकरण-ऊदावत ( बाधावत ), गोरधन-ऊदावत (रामोत ), जसू-ऊदावत ( अजबसिंहोत ), रणछोड़दास-जोधा ( खैरवा ), विट्ठलदास जोधा (रोहीसी), चन्द्रभाण-जोधा (द्वारकादासोत ) ( पांचला ), कुंभकरण-जोधा, दीपा जोधा ( केशवदासोत ), पिरथीराज-जोधा (वीरमदेप्रोत), महासिंह-जोधा ( जगन्नाथोत ), जगतसिंह-जोधा (रतनसिंहोत ), रामप्तिह-जोधा ( श्यामसिंहोत ), भीम-मेड़तिया, किशनसिंह-मेड़तिया (चांदसिंहोत ), भाकरखा-पातावत, सुन्दरदास-पातावत ( हरीदासोत ), रघुनाथसिंह-भाटी ( लवेरा), उदैभांण-भाटी (खेजड़ला ), सगतसिंहभाटी ( हरदासोत ), द्वारकादास-भाटी, धनराज-भाटी (बीकावत ), जगनाथ-भाटी (विट्ठलदासोत ), सगतसिंह-भाटी ( कल्याणदासोत ), द्वारकादास-भाटी (भाणोत ), गिरधरदास-भाटी ( कानावत), सुंदरदास-भोजराजोत ( ठाकुरसीहोत ), लिखमीदास-मंडला ( नाथावत ), भैरूंदासजैतमालोत (खेतसीहोत ), डूंगरसिंह-जैतमालोत ( लाडखाँनोत), उदयसिंहजैतमालोत ( जगन्नाथोत ), पूरणमल-जैतमालोत (सुंदरदासोत), नराणखाँन-राठोड़ (पातावत ), अखैराज चौहान (कल्याणदासोत ),
जोगीदास-सोभावत, किशनदास-मुहता, हरराय-पंचोली। वि० सं० १७३६ ( ई० स० १६७६ ) में बालक महाराजा अजितसिंहजी के जोधपुर में लाए जाने के बाद से वि० सं० १७६५ (ई० स० १७०८ ) में उनके जोधपुर पर स्थायी तौर से अधिकार करने तक समय-समय पर बादशाही सेना से लड़कर मारे गए महाराज के कुछ वीरों के नाम ।
वि० सं० १७३६ ( ई० स० १६७६ ) के पुष्कर के युद्ध में मारे गए महाराजा अजितसिंहजी के कुछ योद्धाओं के नामः
राजसिंह-मेड़तिया ( प्रतापसिंहोत ), गोकुलसिंह-मेड़तिया (प्रतापसिंहोत),
रूपसिंह-मेड़तिया, ( प्रतापसिंहोत ), हिम्मतसिंह-ऊदावत, जगतसिंहऊदावत, भोजराज-ऊदावत, आनन्दसिंह ( चतुर्भुजोत ), केसरीसिंह-राठोड़, हरीसिंह-राठोड़, सादूलसिंह राठोड़, महासिंह-चांपावत (केसरीसिंहोत), किशनसिंह-चादावत, नाथूसिंह (कांधलोत), जगतसिंह, हेमसिंह-सोनगरा, हद्दा-मांगलिया।
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