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मारवाड़ का इतिहास
(ख्यातों के अनुसार इस युद्ध में ४० चांपावत, २१ कुंपावत, १४ ऊदावत और ७ करमसोत मारे गए थे ।)
वि० सं० १७३० ( ई० स० १६७४ ) में, पठानों के साथ के युद्ध में, मारे गए महाराजा जसवन्तसिंहजी के कुछ वीरों के नामः
रतन-चांपावत ( बलूश्रोत ), रामसिंह-चांपावत (बलूओत), रामसिंह-चांपावत
( हरीदासोत ), श्यामसिंह-चांपावत (केशोदासोत ), सुजानसिंह-चांपावत (आईदानोत ), राजसिंह-चांपावत ( राघोदासोत ), रायमल-जोधा (केसरीसिंहोत ), प्रतापसिंह-कुंपावत ( हरचंदोत ), देवकरण-कुंपावत (द्वारकादासोत ), किशनसिंह-मेड़तिया (श्यामसिंहोत ), कान्हा-मेड़तिया (गोकलदासोत ), प्रतापसिंह-मेड़तिया ( गोपीनाथोत ), बिशनदास-मेड़तिया ( गिरधरदासोत ), कुशलसिंह-मेड़तिया ( श्यामसिंहोत ), मोहबतसिंहमेड़तिया (सबलसिंहोत ), विजैसिंह-मेड़तिया ( रामसिंहोत ), हरीसिंहकरमसोत । भीमोत ), आसकरण-राठोड़ ( जैतसिंहोत ), मुकुन्ददास-बाला ( कल्याणदासोत ), जगन्नाथ-सीधल ( उरजनोत ), भीम-भाटी (प्रयागदासोत ), श्यामसिंह-भाटी (मुकुन्ददासोत ), दयालदास-भाटी ( केशोदासोत ), राजसिंह-भाटी ( जसवन्तोत), आसकरण-भाटी (मोहनदासोत), केशवदास-भाटी (रतनसिंहोत ), चतुर्भुज-भाटी (करणोत ), पिरथीराजचौहान (रामचंदोत ), हरनाथ-चौहान (मनोहरदासोत), नरहरदासदेवड़ा (अचलदासोत ), केशोदास-कछवाहा (जगन्नाथोत ), साहबखाँकछवाहा ( जगन्नाथोत ), बछराज-पंचोली ( रामचंदोत)।
२६. महाराजा अजितसिंहजी । वि० सं० १७३६ (ई० स० १६७९ ) में, बादशाही सेना के साथ के, दिल्ली के युद्ध में मारे गए बालक महाराजा अजितसिंहजी के कुछ वीरों के नामः
महासिंह-कुंपावत (खीवावत ), जूंझारसिंह-कुंपावत (रजलाणी ), महेशदास
कुंपावत (राजसिंहोत ), हिंदूसिंह-कुंपावत ( सुजाणसीहोत ) ( नाडसर , मोहनदास-कुंपावत (धनराजोत ), भारमल-ऊदावत ( दलपतोत ) (डेह), गोयंददास-ऊदावत ( मनोहरदासोत ) ( सारावड़ा), रघुनाथसिंह-ऊदावत
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