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विभिन्न युद्धों में लड़कर मारे गए कुछ वीरों के नाम
वि० सं० १६७२ (ई० स० १६१५) में, अजमेर के पास, किशनगढ़-नरेश किशनसिंहजी के साथ के युद्ध में मारे गए सवाई राजा शूरसिंहजी के कुछ योद्धाओं के नामःकेशवदास राठोड़ (सांवलदासोत ), गोविंददास राठोड़ (राणावत ), तिलोकसी
राठोड़ ( सूजावत ), भोपत-राठोड़ (कलावत), पृथ्वीराज-भाटी (करणोत), गोविन्ददास-भाटी ( जसावत), भदा-भाटी ( नारायणदासोत ), गोविन्ददासभाटी (मानावत ), सूजा-भाटी ( भैरवदासोत), कला-भाटी ( कान्होत ), कुंभा-भाटी ( पतावत ), मांना भाटी ( गोविंददासोत), पता-हुल ( भदावत), केशा-पंवार, केशवदास-सांखला, नरहर-चारण (प्रयागोत), साजण-चारण ( सीवावत ), मेघा-गौड़ ( धायभाई )।
२४. राजा गजसिंहजी ।
वि० सं० १६८५ ( ई० स० १६२८ ) में, ( तैपुर-सीकरी के निकट के ) सीसोदरी के किले पर अधिकार करते समय, मारे गए राजा गजसिंहजी के कुछ वीरों के नामःभगवानदास राठोड़ (बाघोत ), गोकलदास-राठोड़ ( बिशनदासोत ), शामसिंह
राठोड़ ( जसवन्तोत), नरहरदास-राठोड़ ( कलावत ), बलू-राठोड़, (मेघराजोत ), किशनसिंह राठोड़ ( किशोरदासोत ), साहबखा-राठोड़ ( केशवदासोत ), कान्हदास-राठोड़ ( माधोदासोत ), जगन्नाथ-राठोड़ (खेतसीहोत), सुंदरदास राठोड़ (नारायणदासोत), नरहरदास-राठोड़ ( भानीदासोत),
आसकरण-राठोड़ (नींबावत ), दयालदास राठोड़ ( कल्याणदासोत), महेशदास-राठोड़ ( मोहनदासोत), भगवानदास-राठोड़ (सुरताणोत), बलू-भीवोत, गोयंद-खीची (रामदासोत ), तोडर-पंचोली (गोरावत)।
२५. महाराजा जसवन्तसिंहजी (प्रथम)। वि० सं० १७१५ ( ई० स० १६५८ ) में, शाहजादे औरंगजेब और मुराद के साथ के, धर्मत के युद्ध में मारे गए महाराजा जसवन्तसिंहजी के कुछ वीरों के नाम:
बिट्ठलदास-चांपावत ( गोपालदासोत ), गिरधरदास-चांपावत ( मनोहरदासोत ),
कीरतसिंह-चांपावत ( मानसिंहोत ), दयालदास-चांपावत (सूरजमलोत ),
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