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मारवाड़ का इतिहास
वैशाख सुदि ४ (६ मई) को रिवैन्यू मिनिस्टर मिस्टर इर्विन (J. B. Irwin, I.C. S.) अपना यहां का कार्यकाल पूरा हो जाने के कारण, बंबई प्रेसीडेंसी में लौटने की इच्छा से. छुट्टी पर चला गया । इस पर 'स्टेट' काउंसिल का कार्य इस प्रकार बाँटा गयाः
प्रेसीडेंट-महाराजा साहब चीफ़ और फाइनेंस-मिनिस्टर-कर्नल डोनाल्ड फील्ड, सी. आइ. ई. जुडीशल मिनिस्टर-राओबहादुर पौकरन-ठाकुर चैनसिंह, एम. ए.,
एल एल. बी. होम मिनिस्टर-संखवाय-ठाकुर माधोसिंह
पबलिक वर्क्स मिनिस्टर-मिस्टर ऐडगर ( S. G. Edgar, I. S.E ) ज्येष्ठ वदि १४ ( ३१ मई ) को प्रातःकाल के समय केा और उसके आस-पास के प्रदेश में भयंकर भूकम्प हुआ । इससे धन-जन की बड़ी हानि हुई । इसकी सूचना मिलते ही वहां के पीड़ितों की सहायता के लिये १०,१०० रुपया दरबार ने दिया और ४१,४३१ रुपया अन्य लोगों ने इकट्ठा किया । इसके बाद यह ५१,५३१ रुपये की रकम वायसराय के ( दिल्ली के ) केटा भूकम्प-सहायक फंड ( Quetta Earthquake Relief Fund, Delhi) में भेज दी गई।
(ख) ४५,००० रुपये पागलों की मानसिक चिकित्सा के अस्पताल के लिये । (ग) ५०,००० रुपये भारतीय बाल और मातृ हितरक्षिणी सभा (All-India Lady
Chelmsford League for Maternity and Child-wellare) के लिये। (घ) ४५,००० रुपये विंढम अस्पताल में राजयक्ष्मा ( Tuberculosis) के रोगियों
के वास्ते १२ मंचों (Beds) का स्थान तैयार करने के लिये। १. ज्येष्ठ सुदि ३ ( ४ जून) को, राज्य की तरफ से, लोगों से इस कार्य के लिये चन्दा इकडा
करने को एक कमेटी बनादी गई थी। ज्येष्ठ सुदि २ (३ जून) को बादशाह की सालगिरह के उत्सव पर सरदार रिसाले के मेजर हेमसिंह ( Second-in-Command of the Sardar Rissala) को द्वितीय श्रेणी की प्रो. बी. आइ. की उपाधि मिली।
आषाढ मुदि ६ (७ जुलाई) को 'जुडीशल मिनिस्टर' ठाकुर चैनसिंह लंदन में होनेवाली शिक्षा सभा (World Educational Con!erence) में, भारतीय प्रतिनिधि की हैसियत से, सम्मिलित होने के लिये छुट्टी पर गया और कार्तिक वदि ७ (१८ अक्टोबर ) को वहां से लौटा ।
वि० सं० १९६२ की मंगसिर सुदि १५ ( ई० स० १९३५ की १० दिसंबर ) को श्रीमती किशोरकुँवरी बाई साहबा के गर्भ से जयपुर-नरेश के तृतीय महाराज-कुमार का जन्म हुआ । इस अवसर पर भी जोधपुर में हर्ष मनाया गया और किले से २५ तोपें चलाई गई।
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