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महाराजा उमेदसिंहजी वि० सं० १९९१ की पौष वदि २ ( ई० स० ११३४ की २२ दिसंबर ) को महाराजा साहब मय अपने छोटे भ्राता अजितसिंहजी के फिर शिकार के लिये पूर्वी ऐफिका गए और चैत्र वदि १० ( ई० स० १६३५ की २१ मार्च) को वहां से लौटे ।
फागुन वदि ७ ( ई० स० १९३५ की २५ फरवरी को भूतपूर्व ग्रीस नरेश ने जोधपुर ाकर महाराजा साहब का आतिथ्य स्वीकार किया और अगले दिन वह लौट
गया ।
वैशाख वदि ३० (२ मई) को लैफ्टिनैंट कर्नल डोनाल्ड फ़ील्ड (D. M. Field, C. I. E. ) चीफ मिनिस्टर बनाया गया ।
वि० सं० १९९२ की वैशाख सुदि ४ ( ई० स० ११३५ की ६ मई ) को बादशाह की रजत - जुबिली ( Silver Jubilee ) मनाई गई । इसके संबन्ध में महल पर सुबह जो दरबार हुआ उसमें रैजीडेंट ने महाराजा साहब के सामने वायसराय का भेजा हुआ खरीता उपस्थित किया और महाराजा साहब ने अपनी प्रजा पर का साढ़े आठ लाख रुपये का कर्ज माफ़ करने की घोषणा की। दूसरे दिन ( वैशाख सुदि ५ = ७ मई को ) क़रीब दस हजार रुपये गरीबों को बांटे गए ।
बादशाह की इस जुबिली के चंदे में ५०,००० रुपये दरबार ने दिए और २,२४,७३७ रुपये रियाया ने इकट्ठे किए । यह रकम इस अवसर पर राजपूताने की अन्य रियासतों में इकट्ठी की गई रकमों से अधिक सिद्ध हुई और इस रकम में से १,५७,६३३ रुपया मारवाड़ निवासियों के हितार्थ खर्च करने के लिये वापस आ गया ।
१. इस समय यह फिर ग्रीस के सिंहासन का अधिकारी हो गया है ।
वि० सं० १६६२ की वैशाख वदि ५ ( २३ अप्रेल ) को बर्मा का गवर्नर यहां आया और उसी दिन वापस चला गया ।
२. वैशाख बदि १४ (१ मई) को जुबिली उत्सव के संबन्ध में फराडी - दिवस (Flag day ) मनाया गया और छोटी-छोटी मंडियाँ बेचकर भारतियों के हित के कार्यों के लिये रुपया इकट्ठा किया गया ।
उस दिन किले से १०१ तोपों की सलामी दाग़ी गई, १२१ कैदी छोड़े गए, ३६३ कैदियों की जेल की अवधि घटाई गई, और महाराजा साहब ने अपने कुछ मुल्की, फ़ौजी और रेल्वे के अफसरों को चांदी के ६५ जुबिली - मैडल दिए । उसी अवसर पर ख़ाँबहादुर एम. आर. कोठावाला ( इन्सपैक्टर जनरल पुलिस ) को जोधपुर - राजकीय पुलिस का पहला पदक दिया गया ।
३. यह रुपया निम्नलिखित कार्यों के लिये आया था:
( क ) १५,००० रुपये मारवाड़ राज्य के कुष्ट रोग की जांच ( Survey) के लिये ।
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