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महाराजा उमेदसिंहजी फागुन सुदि १ ( १२ मार्च) को आप फिर दिल्ली गए और वहां से हिन्दूयूनीवर्सिटी के कृषि विद्यालय ( Agricultural College ) का उद्घाटन करने को बनारस पहुँचे' ।
इस समय मारवाड़ में नाज महँगा हो रहा था । इसीसे दरबार ने उसका देश से बाहर जाना रोक दिया और बाहर से नाज मँगवा कर शहर में सस्ते नाज की दूकानें खुलवा दीं। इससे गरीबों को बड़ी सहायता मिली ।
फागुन सुदि १ (११ मार्च) को मिस्टर डी. ऐल. ड्रेक ब्रोकमैन (D. L. Drake Brockman, C. I. E., I. C. S. ) ( रिवेन्यू - मैंबर स्टेट काउंसिल ) अपनी, यहां के कार्य की अवधि समाप्त हो जाने से वापस 'युनाइटेड प्रोविंसेज' ( अवध ) में कमिश्नर होकर चला गया । इस पर मिस्टर जे. डब्ल्यू. यंग ( Mr. J. W. Young, o. B. E.), जो अब तक 'ऐकाउंटैंट जनरल' था, 'फाइनैंस - मैंबर' बनाया गया ।
श्रावण वदि १० (३१ जुलाई ) को महाराज फ़तैसिंहजी ने 'होम - मैंबर' के पद से अवसर ग्रहण कर लिया। इस पर उसी दिन पौकरन - ठाकुर, राम्रो बहादुर, चैनसिंह ( M. A., LL. B. ) ‘जुडीशल - मैंबर', राम बहादुर राम्रो राजा नरपतसिंह 'मैंबर-इनवेटिंग' (Member-in-Waiting ) और राम बहादुर पण्डित ज्वालासहाय मिश्र अस्थायी 'रिवैन्यू - मैंबर' बनाए गए ।
वि० सं० १९८६ की सावन सुदि ३ ( ७ अगस्त) को जोधपुर में स्थानापन्न
९. वहां से आप चैत्र वदि ७ १ अप्रेल ) को लौट कर आए ।
२. इन दूकानों पर अंगरेज़ी तोल से १ रुपये का साढ़े सात सेर गेहूं मिलता था ।
चैत्र वदि ४ ( २६ मार्च) को मिस्टर गैब्रील के स्थान पर मिस्टर ऐल. डब्ल्यू. रेनॉल्ड्स (L. W. Reynolds, C. S. I, C. I. E, M.C., I. C. S., ) और वि० सं० १९८६ की चैत्र सुदि ६ ( १५ अप्रैल) को उसके स्थान पर मिस्टर केटर ( A. W. L. Cater, I. C. S. ) यहां का रैज़ीडेंट नियत हुआ ।
३. हाल ही में यह सर ( Knight) की उपाधि से भूषित किया जाकर ( यू. पी. की ) 'पब्लिक सर्विस कमीशन' का 'प्रेसीडेंट' बना दिया गया है ।
जेठ वदि ११ ( ३ जून ) को बादशाह की बरसगांठ के अवसर पर राम्रो साहब, राम्रो राजा नरपतसिंह (Household Comptroller and Private Secretary ) को 'राम्रो बहादुर' का ख़िताब मिला ।
आषाढ सुदि १३ (१६ जुलाई) को राम्रो बहादुर पौकरन ठाकुर मंगलसिंह, सी० आई० ई०, पब्लिक वर्क्स मैंबर का हृदय की गति रुक जाने से स्वर्गवास हो गया । यह एक सच्चा और सीधा सरदार था ।
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