________________
७६]
* महावीर जीवन प्रभा *
(g) नोलियों ने नखों से शरीर उधेड़ा. (b) चूहों ने शरीर काटा. (i-j) हाथी-हथनियों ने आकाश में उछाले और
पैरों से रोंदे.
(k) पिशाचरूप से डराये गये. (1) व्याघ्रों ने फाल मार कर भय भय भीत किये.
(m) माता के रूप में आकर कहा- पुत्र ! क्यों दुःखी होता है, मेरे साथ चल, तुझे सुखी बनाउंगी.
(n) कानों पर चूमते हुवे तीक्ष्ण पींजरे बांधे.
() जंगली चाण्डालों ने आकर दुर्वचनों से तिरस्कार किया.
(p) दोनों पैरों बीच आग जला कर हंडी में खीर पकाई.
(q) अत्यन्त कठोर पवन चलाया.
( ) उर्ध्व वायु से शरीर उठा उठा कर नीचे पटका और माण्ड लिक वायु से चक्र जैसा घुमाया.
(8) एक हजार १००० भार प्रमाण लोहे का गोला भगवन्त पर डाला- यह तीर्थकर का अनन्त बलवान् शरीर था, नहीं तो अन्य की तरह चूर चूर हो जाता.
(1) रात्रि शेष रहने पर भी बहकाने के लिए किसी ने आकर कहा- हे आर्य !प्रभात होगया है, विहार करो, Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com