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* दीक्षा *
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धारण कर जटा में ठण्डा जल भर कर प्रभु पर छींटा; इस शीतोपसर्ग को जगत्पूज्य ने निश्वलता से सहन किया, व्यन्तरणी ने पराजय होकर भगवन्त की स्तुति की.
(९) म्लेच्छ देश में उपसर्ग- एक वक्त भगवान् म्लेच्छ देश में कर्मक्षय करने के विचार से पधारगये, वहाँ कुत्ते के पिल्लों के बहुत उपसर्ग सहे.
(१०) संगम देव का उपसर्ग- एक वक्त दृढभूमि का पर पेढाल गांव के उद्यान में पोलास नामक देव मन्दिर में भगवन्त ध्यानस्थ रहे, उस वक्त इन्द्र ने अपनी इन्द्रसभा में देवों के सम्मुख भगवान् के धैर्य की प्रशंसा की, सबने श्रद्धा पूर्वक श्रवण किया, पर मिथ्यात्व वासित संगम नामक देव ने अविश्वास किया और परीक्षा के लिये वहाँ पहुँच गया. उस दुष्टातिदुष्ट ने एक रात्री में क्रमशः बीस उपसर्ग किये.
(a) धूल की वृष्टि की.
(b-c) वज्र मुखी चिटियों और डांसों से शरीर चुंटवाया.
(d) घीमेलिका ने शरीर फोला. (e-f) सर्प और विच्छुओं ने डंक मारे.
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