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* गर्भावस्था *
प्रातःकाल होते ही सिद्धार्थ राजा ने आदेशी पुरुषों को आदेश दिया कि सभा मण्डप को सज्जित करो, सुगंधित बनाओ और सिंहासन की स्थापना करो, हर्षित होकर सर्व
र्य सम्पन्न किया- महाराजा सिद्धार्थ शौचक्रिया से निपट कर व्यायामशाला में पहुँचे; वहां दण्ड निकालना, मुद्गर घुमाना, बैठक लगाना, मलयुद्ध करना; इत्यादि नाना विध कसरत करके विश्राम लिया, कुशल मर्दकों ने सहस्र पाकादि तैल से उनका शरीर मर्दन किया, वहाँ से स्नानगृह में जाकर सुगंधमय जल से स्नान कर गोशिर्ष चन्दन से विलेपन किया, दिव्य वस्त्राभूषण धारण किये, सोलह श्रृंगार सज कर निम्नाङ्कित लोगों के साथ सभा मण्डप में पधारेः
१ अनेक गण-नायक २ दण्ड-नायक ३ राजेश्वर ४ कोतवाल ५ मण्डपाधिपति ६ कुटुम्बाधिपति ७ श्रीगण ८ देवगण ९ यमगण १० सामन्त ११ महासामन्त १२ मण्डलिक १३ महा मण्डलिक १४ चौरासी चौहट्टिया १५ मुकुटबन्ध १६ संधिगाल १७ दतपाल १८ संधिविग्रही १९ राज-विग्रही २० मन्त्री २१ महामन्त्री २२ सेठ २३ साहूकार २४ सार्थवाह २५ अंगरक्षक २६ पुरोहित २७ वृत्तिनायक २८ वही-वाहक २९ थइ. यायत ३० पटुपडियायत ३१ टाटकमाली ३२ इन्द्रShree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com