________________ (88) करणकुतूहलम् / 88 / 8 / 4 कान्तिर्याम्या 3 / 16 / 42 नताशः 27 / 51 / 52 उन्नतांशाः 62 / 8 / 8 ज्या 105 / 55 वित्रिभार्कयोरन्तरम् 2 / 19 / 34 / 26 ज्या 117 // 47 लम्बनम् 3 / 55 स्पष्टलम्बनम् 3 / 27 पृथक स्थितियुक्तगणितागततिथ्यन्ते 31 / 40 युतं जातम् 35 / 35 / 7 एतत्कालीनरविचन्द्रपाताः सूर्यः 3 / 0 / 4 / 34 चन्द्रः 3 / / 54 / 13 पातः 2 / 26 / 21 / 46 सायनोऽर्कः 3 / 18 / 37 / 54 रात्रिगतघटी 1 / 41 समयिकं लगम् 9 / 28 / 33 / 57 विविनम् ६।२८।३३।५७कान्तिर्याम्या 11 / 8 / 48 नतांशाः३५।३३।५७ उन्नतांशाः५४॥ १६।३नतिर्दक्षिणा९।३५ तिथिः२४अथ शरार्थ सपातचन्द्रः 5 / 28 / 15 / 59 शरः सौम्यः 2054 नतिसंस्कृतस्पष्टशरो याम्यः 6 / 41 छन्नम् 4 / 10 शरात् 6 / 43 विनात १३।२२छन्नायुतहतान्मूलम् 8 / 23 स्थितिः 1158 अनया गणितागततिथ्यन्तः 29 / 24 युतो जातः ३१।२२अस्मिन् पृथक् स्थापितं लम्बनम् 3 / 27 युतं जातम् ३४।४९स्थूलो मोक्षकालः, असत्कर्मणार्थमेतत् 34 / 49 कालीनः सूर्यः 3 / 18 / 37 / 37 रात्रिगतघटी 1 / 23 समयिकं सायनवित्रिभम् ६।२६।४७।२७क्रान्तिर्याम्या १०।३०।२०।नतांशा ३५।५।११।उन्नतांशा 54 / 54 / 49 एषां ज्या 97453 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com