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कमलागच्छ.
(७) णिया, कोटारी, मालखा, छाछा, चितोडिया, इसराणि, सोनी, मरुवा, घरघटा, उदेचा, लघुचोधरी, चोसरीया, बापावत् , संघवी, मुरगीपाल, कीलोला, लालोत् , खरभेडारी, भोजावत् , काटी, जाटा, तेजाणि. सहजाणि सेणा मन्दिरवाला, मालतीया, भोपावत्, गुणीया, एवं ४४ साखाश्रो संचेति गोत्रसे निकली वह सब भाई है
(११) मूल गौत्र आदित्यनाग–अदित्यनाग, चोरडिया, सोढाणि, संघवी, उडक मसाणिया, मिणियार, कोटारी, पारख, 'पारखों से भावसरा, संघवी, ढेलडिया, जसाणि, मोल्हाणि, नडक, तेजाणि, रूपावत् , चोधरि, 'गुलेच्छा '-गुलेच्छोसे दोलताणी, सागाणि, संघवी, नापडा, काजाणि, हुला, सेहजावत् , नागडा, चित्तोडा, चोधरी, दातारा, मीनागग, 'सावसुखा' सावसुखोंसे मीनाग, लोला, वीजाणि, केसरिया, वला, कोटारी, नांदेचा, 'भटनेराचोधरी' भटनेराचोधरियोंसे कुंपावत् , भंडारी, जीमणिया, चंदावत् , सांभरिया, कानूनुंगा, 'गदईया' गदइयोसे गेहलोत्. लुगावत् , रणशोभा, बालोत्, संघवी, नोपत्ता 'बुचा' बु!से सोनारा, मंडलीया, करमोत्, दालीया, रत्नपुरा, फिर चोरडियोंसे नाबरिया, सराफ, कामाणि, दुद्दोंणि, सीपाणि, आ. साणि, सहलोत् , लघु सोढाणि, देदाणि, रामपुरिया, लघुपारख, नागोरी, पाटणीया, छाडोत् , ममइया, बोहरा, खजानची, सोनी, हाडेरा, दफतरी, चोधरी, तोलावत् , राब, जौहरी, गलाणि इत्यादि एवं ८५ साखाओं आदित्यनाग गौत्रसे निकली वह सब भाई है।
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