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[ प्राक्कथन
परन्तु वास्तवमें देखा जाय तो अग्रेजोंने अपन बचनका पालन नहीं किया है, केवल इतना ही नहीं वचनपालन करनेका अवसर उपस्थित होनेपर अपने स्वीकृत उत्तरदायित्वकी उपेक्षा करते हुए लिखा है ।
They would not have taken so far interest themselves in insignificant state" और अपने पवित्र वचनोंको " Vague promise बतलाया है । ठीक है, ऐसा क्यों न हो ? राजनैतिक प्रतिज्ञायें समयाधीन होती हैं। उनका भाव समय टलतेही बदल जाता है । सबसे बड़ी बात तो यह है एवं इस संसार सबसे बढ़कर अगर कोई पाप है तो निर्धन और अशक्त होना है ।
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कि दैवोदुर्बल घातकः
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लाट और
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ईश्वरकी महती अनुकम्पा है कि इस राजवंशका अस्तित्व है, और इसका अस्थिपंजर बच गया है । इस राज्यके अधिकार सम्प्रति २४० बर्गमील भूभाग है। राज्य ब्रिटिश सरकारको ७५०० वार्षिक कर देता है । नियमित इसे ६ तोपों की सलामीका अधिकार प्राप्त है; एवं राजाको वाइसराय से स्वागत तथा बम्बई प्रान्तीय गवर्नरसे स्वागत और प्रतिस्वागतका अधिकार मिला है।
लाट और गुजरात में मुसलमान ।
हमारे विवेचनीय इतिहास और कालके साथ मुसलमान जातिका संपर्क पाया जाता है। इनका यह संबंध कई हिस्सों में बंटा है । और यदि हम इनके इस विभिन्न भागोंको पुराकालीन दिल्हीके सुलतान अहमदाबाद और मालवा के सुलतान तथा खानदेश के मुसलमान, नाम देवें तो असंगत न होगा । अब हम पुराकालीन मुसलमानोंके संबंधका दिग्दर्शन कराते हैं सर्व प्रथम खलीफा हस्लाम के समय जुनेद की अध्यक्षता में मुसलमानी सेनाको रूचके गुर्जरोंपर आक्रमण करते पाते हैं। वहांसे जब वे आगे बढ़े तो उन्हें नवसारीके चौलुक्यराज पुलकेशीसे हार कर लौटना पड़ा ।
गुजरात के मुसलमान ।
हमारे विवेचनीय इतिहासके साथ मुसलमान जातिके संबन्धका कई बार उल्लेख हमें कर चुके हैं । प्रथमवार मुसलमानोंका उल्लेख नवसारिका के चौलुवयराज पुलकेशीके राज्य पर
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