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[ लाद वासुवेद्रपुर न
तुम्बर होसरू रामेश्वर प्रशस्ति
- विवेचन:
प्रस्तुत प्रशस्ति मयसूर राज्य के सिमोगा जिल्ला के शिकारपुर तालुका के होसह होबली के प्रधान ग्राम होसर के समीप तुम्बर नामक स्थान के रामेश्वर मन्दिर में लगी है। प्रशस्ति का शिला खंड ३. १/२४२. १/४ आकार का है। इसकी लिपि हाले कनाडा और भाषा संस्कृत तथा प्राचीन कनाडी मिश्रित है। इसकी लेख पंक्तियों की संख्या ४६ है। इसका उद्देश्य ननीमाया के पुत्र दिवाकर कृत भूमिदानका वर्णन है। प्रति प्रहिता चतुर्वेद, सकल शास्त्र वेत्ता, यम नियम साधन चतुष्ट संपन्न स्वध्यायरत्त भारद्वाज गोत्री पोशावर है। कथित दान उसे सत्र संचालनार्थ दिया गया है। इसका लेखक कामराज और उत्कीर्ण करने वाला शिल्पकार पद्मजा है। इसकी तिथि विक्रम चौलुन्य वर्ष का चतुर्थ वर्ष है।
हम पूर्बोद्धृत प्रशस्ति के विवेचनमें विक्रम चौलुक्य वर्षका प्रारंभ शक BEE में बता चुके हैं । अतः इस प्रशस्तिका समय १००२ है। प्रदत्त भूमि वीरलोलम्ब जयसिंहदेवके राज्यान्तर्गतथी जयसिंहका विरुद युवराज महाराजा था। और उसका अधिराज उसका मजला बड़ा भाई विक्रमादित्य था। इस प्रशस्ति से जयसिंह के अधिकारमें वनवासी आदि प्रदेशों के अतिरिक्त षट सहस्त्र द्वय नामक प्रदेशका मी होना पाया जाता है । पुनश्च जयसिंह के चौलुक्य साम्राज्यका युवराज होनेका स्पष्ट रुपेण समर्थन होता है। इसके अतिरिक्त प्रशस्ति में जयसिंह संबंधी कोई अन्य नवीन बात नहीं प्रकट होती।
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