________________
८३
[ लाट वासुदेवपुर खण्ड
हुले गुन्डी प्रशस्ति
स्वस्ति समस्त भूवनाश्रयं पृथिवी बल्लभं महाराधिराज परमेश्वरं परम भट्टारकं सत्याश्रय कुल तिलकं चौलुक्या मरणं श्री मुवनमल देवारु राज्यं उत्तरात्तराभ प्रवृद्धि वर्धमान आचंद्रार्क तारा वरं सालुतं इरे। स्वस्ति सास्त भवन स्तुतं अप्य महामहि मोदयोल्लासत पल्लवान्वय श्री पृथिवी वल्लभ महाराजाधिराज परमेश्वर वीर महेश्वरं विदग्ध विलासिनी विलोचन चकोर चंद्र प्रत्यक्ष देवन्द्र विक्रान्त कण्ठीरवं मंण्डलीक भैरवं शरणागत वज पंजरं चौलुक्य दिक कुंजरं साहसालंकारं कीर्तिवल्लरी लर्पित त्रिलोकं राज विद्यान्गना भुजगं अन्न नि.शमं श्रीमत त्रयलोक्यमल्ल नोलम्ब पल्लव परमनादि जयसिंह देवारे दिव्य पाद पोपजीवीय अप्य । स्वस्ति समस्त दुष्ठराति मानेय मदान्ध गन्ध गजसिंह स हसोतुंग रणरंग राक्षसं विशालमदे भानांकुशं चाल मानेय गोन्डल चतुर्मुखं मच्छरिव वैरी घट भुभुंक केतु गन्दं कडन प्रचण्डं कायावर भी जलद अंक राम पगेयं धेङ्गकोलवं कलीय मार कोलबंवाभ दसेरे मल्लम भितार कोलन-रत्तांग हवं मरेवरे कावनरे कवं अहित जन कदलीवन कुंज सुमट ललाट पट वैरी घृतं त तपुयं वोरिदिन्द ओपुर पर मण्डल सुरेकार वैविणारं अरिवल करि चूराकं वीराग्रणराय हनवितत कोलाहलं कविगमक वादा वाग्मी सम्ब.रणं नामादि समस्त प्रशस्ति सहितं श्रीमन्महासामन्तं केरेयूर मङगीय एच्छायं सूलगाल एल्ल रातुमान भालुतं इलदु स्वस्ति शक ९९५ नेय प्रमादि संवत्सरात पुष्य बहुलाष्ठमी सोम्बाराद अनद उत्तरायण संक्रानी तिथ्याल स्वास्त यम नियम स्वाध्याय घ्यान धारणा मौणानुष्ठान जप समाधि सम्पन्नार अय्य श्रीमत केरेयूर ज्ञानशिव देव मौनी मुनिवर कालं करच्छी धारा पुर्वक मादी सुरगल तिथाद भीमेश्वर हिडम्बश्वर वादीय प्रागलीय उल्लदेवाण एल कोतेयी पश्चिम दिशा वर दोल वित्त केत मर्या अरुवत्तु श्रीमान महा सामन्तं गयन गाकुर्द
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com