________________
चौलुक्य चंद्रिका ] श्री वीर लोलम्ब जयसिंह
का जतिग रामेश्वर गिरी
वाली शिला प्रशास्ति।
.
१ ॐ स्वस्ति समस्त भुवन संस्तुत महा महिम . २ श्रोदमोदय ओलसित पल्लवानवयं
श्री ३ पृथिवी वल्लभ महाराजाधिराज परमेश्वरं ४ परम महेश्वरं विदग्धी विलासनी विलोचन चकोर चन्द्र ५ प्रत्यक्ष देवेन्द्र राज विद्या भुजंग अन्नन सिंग ६ श्रीमत् लोक्यमल्ल नोलम्ब पल्लव परमनादि जय ७ सिंह देवर गोयदवादाय परिवदिनल सुखादि राज्यं ८ गेयुतं ईरे । शक वर्ष ९९३ नेम विरोधिकृत संवत्सराय ९ फालगुन द अमावासे बुधवारं वलगोति तीर्थ स्थान
व रामेश्वर देवरगे फानीयकल मुनूरी वलीय ११ वारं वन्नेकलं सर्वनमस्यं भागी अमृतराशी १२ जीयर्गे धारा पूर्वक मादी कोत्तर । ई धान १३ श्रावनोर्व किंदीमिदवं वानराशी वाल गोतियल १४ कावेलुयुं ब्राह्मण रप आलीद पातकन अक्कु ।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com