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लाद नन्दिपुर साह ध्रव. महोदय द्वारा निश्चित अवस्थान को अस्वीकृत करने पश्चात. प्रश्न उपसिना होता है कि एरथाण तथा उसके सीमावर्ती ग्रामो का संप्रति. अस्तित्व क्या नहीं है। इस प्रश्नका उत्तर देने के पूर्व हमें मानचित्रका पयालोचन करना होगा. टोपोग्राफिकल मैप्स, शीट नां. ३७. पर दृष्टिपात करनेसे प्रकट होता है कि बडे दा राज्य के नवसारी मण्डल, तालुका पलशाणा के. अन्तर्गत एरथाण नामक एक ग्राम है। उक्त ग्राम बी. बी. सी. आइ. रेल्वे के टी. वी. सेक्शन के चलथाण नामक स्टेशन से लगभग.. चारमील की दूरी पर हैं। कथित एरथाण के चतुस्सीमावर्ती ग्राम का सीमा चक्र निम्न प्रकार से है।
चक्र ४.
तलोदरा (तलपद्रक)
उत्तर
हिबरुक (टिबखा)
वायव्य
शान
वाणोद)
वाणाद (वाणो
एरथारण
नागदा अ.र तन्तिका
तन्तिका)
वल्यान (इन्द्रोस्थान
बड़दला
ट)
(
(2
)
-
उद्धृत चक्र पर दृष्टिपात करनेसे प्रकट होता है कि प्रशस्ति कथित एरमाणकी सीमाका, वर्तमान एरथापकी सीमासे अधिकांशमें तारतम्य मिलता है। उत्तरभावी तलाक का ; तळोदरा, वामन्यभावी टिम्बरुक का टिम्बस्वा, पश्चिमभावी बहुणावश्याका बाणा नैऋत्यभाषी इन्द्रोत्थान का वलक्षण, दक्षिण भावी लिावट का लिजसकईसानभागी
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