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॥ अहम् ॥ श्रीशांतिनाथाय नमः॥
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बृहत्पर्युषणा निर्णय
पूर्वार्द्ध. प्रथम-दूसरा खीर
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कर्ता श्रीमान् परमपूज्य उपाध्यायजी श्री १००८ श्री से सागरजी महाराजके लघु शिष्य मुनि
श्रीमणिसागरजी महाराज.
प्रसिद्ध कर्ता कलकत्ता, मुर्शिदाबाद, वीकानेर, जयपुर, जेसलमेर, मुंबई, धूलिया, चालीसगांव वगैरह शहरोंके
जैनसंघकी द्रव्य साहतासे
श्रीमत् अभयदेवसूरि ग्रंथमालाके कार्यवाहक कलकत्ता. तथा श्रीजिनदत्तसूरि ज्ञानभंडारके कार्यवाहक, शा.पानाचंद भगुभाई,सुरत.
मूलग्रंथ बी. एल. प्रेस, कलकत्ता में छपा. भूमिकादि, धि आत्माराम प्रिंटिंग अॅन्ड पब्लिशिंग कंपनी, श्री. वि.
ग. जावडेकर द्वारा आत्माराम छापखाना धूलियामें छपा.
श्रीवीरनिर्वाण संवत् २४४७. विक्रम संवत् १९७८.
वैशाख शुदी ३ मंगल वाग. प्रथम बार ३१५० कॉपी. भेट [ मूल्य सत्य ग्रहण. HIRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRRENT
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