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________________ वनस्पति में संवेदनशीलता 73 जीवविज्ञान की प्रमुख शाखा बन गयी है। आगे वनस्पति जीवों में पाये जाने वाले उपर्युक्त विशेष गुणों पर क्रमशः प्रकाश डाला जा रहा है __ (1) सचेतना-जीवित पदार्थों का प्रथम प्रमुख गुण है सचेतनता अर्थात् अनुभव या संवेदन करने की शक्ति। इस गुण के कारण जीव बाहरी वस्तुओं के अभाव का अनुभव करता है तथा उनके प्रति उचित क्रिया प्रतिक्रिया करता है। वनस्पति में भी सचेतनता उसी प्रकार विद्यमान है, जिस प्रकार पशु-पक्षी, मनुष्य आदि अन्य प्राणियों में। प्यासे केले के पौधे को जल मिलते ही वह उसे पीने लगता है। उसके जलपान की इस क्रिया की आवाज पौधे के पास बैठे व्यक्ति को स्पष्ट सुनाई देती है। पौधों को जल मिलने पर उनके मुरझाये हुए फूल पुन: खिल उठते हैं, कुम्हलाये हुए पत्ते हरे हो जाते हैं। प्रकाश, पानी, पवन, पृथ्वी की आकर्षण शक्ति परिस्थितिपरिवर्तन, ताप आदि उत्तेजकों का प्रभाव वनस्पति पर विभिन्न प्रकार से पड़ता है। वनस्पतिविज्ञान में प्रकाश के प्रभाव को हिलियोट्रॉपिज्म (Heliotropism) पानी के प्रभाव को हाइड्रोट्रॉपिज्म (Hydrotropism) और पृथ्वी की आकर्षण शक्ति के प्रभाव को जियोट्रॉपिज्म (Geotropism) कहते हैं। प्रयोगों में इन उत्तेजकों के प्रति वनस्पति की क्रिया-प्रतिक्रिया स्पष्ट देखी जा सकती है। हिलियोट्रॉपिज्म-प्रकाश का प्रभाव वनस्पति के अलग-अलग अंगों पर अलग-अलग प्रकार से पड़ता है। तथा प्रकाश की ओर बढ़ता है, जड़ें प्रकाश के विरुद्ध दशा में बढ़ती है, पत्तियाँ अपने को प्रकाशकिरणों से समकोण पर रखने का यत्न करती है। प्रयोग 1.-पौधे लगे गमले को एक अंधेरे कमरे में रख दिया जाय
SR No.034365
Book TitleVigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherAnand Shah
Publication Year2016
Total Pages315
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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