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________________ 140 जीव-अजीव तत्त्व एवं द्रव्य दक्षिणी अमेरिका के ब्राजील देश के घने जंगलों में एक विशेष प्रकार का वृक्ष पाया जाता है जिसके तने में छेद कर देने से दूध के समान सफेद तरल पदार्थ निकलने लगता है। पीने में यह तरल पदार्थ गाय के दूध के समान मीठा और पौष्टिक होता है। इसलिए वहाँ के जंगली लोग इसे बड़े चाव से पीते हैं। बड़े तड़के उठकर लोग अपने-अपने बर्तन लेकर पेड़ के पास पहुँच जाते हैं और तने में छेद करके पात्र को तरल पदार्थ से भर लेते हैं। इसी प्रकार अफ्रीका के जंगलों में ऐसे वृक्ष हैं जिनके तने में छेद करने से शीतल जल निकलता है। मेडागास्कर में ताड़ पेड़ से मिलताजुलता एक वृक्ष पाया जाता है जो लगभग 12 फुट ऊँचा होता है। इसकी 7 फुट लम्बी टहनियों में 6 फुट लम्बे पत्ते इस प्रकार गोलाई में जुड़े रहते हैं जो मिलकर पँखे का रूप धारण कर लेते हैं। टहनियों का निचला जोड़ प्याले के आकार का होता है। गर्मी लगे तो पत्तों से पँखे का काम ले लीजिये, प्यास लगे तो उसमें छेदकर प्याले में पानी भरकर पी लीजिये। पथ चलते पथिकों का सहारा होने से इसे पथिक वृक्ष कहते हैं। ___ आशय यह है कि आगम में वनस्पति में वर्णित लेश्याएँ प्रत्यक्ष देखी जा सकती हैं। अन्य विशेषताएँ आयु-आगमों में वनस्पतिकाय की आयु के विषय में कहा है ठिइ जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दस वाससहस्साइं-जीवाभिगम प्रथम प्रतिपत्त। अर्थात् वनस्पति की आयु जघन्य अंतर्मुहूर्त व उत्कृष्ट दस हजार वर्ष कही है। एरीजोना विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध वनस्पति विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. एडमंड शूमां ने कैलिफोर्निया के इन्यों नेशनल जंगल में एक ऐसा पेड़ ढूँढा है जिसकी आयु का अनुमान 4,600 वर्ष के लगभग लगाया गया है।
SR No.034365
Book TitleVigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherAnand Shah
Publication Year2016
Total Pages315
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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