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[अंतगडदसासूत्र इसी प्रकार आठवें अध्ययन में 'अनिरुद्ध कुमार' का जीवन वर्णन समझना चाहिये। इनके पिता 'प्रद्युम्न कुमार' और माता वैदर्भी' थी।
ऐसे ही नवमें अध्ययन में 'सत्यनेमि कुमार' और दशवें अध्ययन में 'दृढ़नेमि कुमार' का वर्णन समझना चाहिये । इनमें विशेष यह कि समुद्र विजय' जी इनके पिता थे और 'शिवा' इनकी माता थी।
ये सब अध्ययन समान वर्णन वाले हैं यह चौथे वर्ग का निक्षेपक है।
श्री सुधर्मा-“इस प्रकार हे जम्बू ! दस अध्ययनों वाले इस चौथे वर्ग का श्रमण यावत् मोक्ष प्राप्त प्रभु ने यह अर्थ कहा है।"
टिप्पणी-निक्खेवओ (निक्षेपक)-उपसंहारक वाक्य । यह शब्द इस भाव का द्योतक है कि प्रभु महावीर ने इस अध्ययन अथवा वर्ग का यह अर्थ कहा है।
।। इइ चउत्थ वग्गो-चतुर्थ वर्ग समाप्त।।
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