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________________ परिशिष्ट- 1 ] 125) अन्यमत के जानकार मनुष्य या देवता कोई भी विवाद में जिनको छलने में समर्थ नहीं, जिन नहीं पण जिन सरीखे, केवली नहीं पण केवली सरीखे हैं । ऐसे श्री उपाध्याय जी महाराज मिथ्यात्व रूप अन्धकार के मेटनहार, समकित रूप उद्योत के करणहार, धर्म से डिगते प्राणी को स्थिर करने वाले, सारए, वारए, धारए इत्यादि अनेक गुण करके सहित हैं। ऐसे श्री उपाध्यायजी महाराज आपकी दिवस सम्बन्धी अविनय आशातना की हो तो, हे उपाध्याय जी महाराज ! मेरा अपराध बारम्बार क्षमा करें। मैं हाथ जोड़, मान मोड़, शीश नमाकर तिक्खुत्तो के पाठ से 1008 बार वन्दना नमस्कार करता हूँ । तिक्त आयाहिणं पयाहिणं करेमि, वंदामि, नम॑सामि, सक्कारेमि, सम्माणेमि, कल्लार्ण, मंगलं, देवयं, चेइयं, पज्जुवासामि मत्थएण वंदामि ।। आप मांगलिक हो, आप उत्तम हो, हे स्वामिन्! हे नाथ! आपका इस भव, पर भव, भव भव में सदा काल शरण होवे । T विवेचन-उपाध्याय महाराज के 25 गुणों का वर्णन आगमों में नहीं है । कोई 11 अंग एवं 14 पूर्व कुल 25 इन्हें उपाध्याय के 25 गुण कहते हैं । चरण सत्तरी के 70 भेद 17 वय' - समणधम्मं " - संजम " - वेयावच्चं " च वंभगुत्तीओ'। णाणाइत्तिय' तव" कोहनिग्गहाइ चरणमेव ॥ अर्थात् 5 महाव्रत, 10 यति धर्म, 17 संजम, 10 वैयावृत्य, 9 बाढ़ ब्रह्मचर्य, 3 ज्ञानादि त्रयरत्न, 12 तप, 4 कषाय-निग्रह एवं कुल 70 | करण सत्तरी के 70 भेद पिण्डविसोहि समिई' भावणा पडिमा इंदियणिग्गहोय । पडिले हण" गुत्तीओ' अभिग्गहं' चेव करणं तु ।। 25 12 12 अर्थात् 4 पिण्ड विशुद्धि 5 समिति, 12 भावना, 12 साधु प्रतिमा, 5 इन्द्रिय निग्रह (विजय), 25 प्रकार का प्रतिलेखन, 3 गुप्ति, 4 अभिग्रह ( द्रव्य, क्षेत्र, काल एवं भाव) इस प्रकार कुल 70 । सार- विस्मृत पाठ का स्मरण कराना । वार - पाठ की अशुद्धि का निवारण करना । धारए - नया पाठ धारने वाले (सिखाने वाले) या स्वयं रहस्यों को धारण करने वाले । 7 नय, 4 निक्षेप तथा 4 प्रमाण का संक्षिप्त विवेचन इस प्रकार है- आचार्य उमास्वाति ने तत्त्वार्थ सूत्र में कहा है-प्रमाणनयैरधिगम: प्रमाण और नय से वस्तु का वास्तविक ज्ञान होता है। प्रत्येक वस्तु में अनन्त
SR No.034357
Book TitleAavashyak Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimalji Aacharya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size2 MB
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