________________ आज्ञा पालन करने से होते हैं सहज यदि प्रकृति सहज हो जाए तो आत्मा सहज हो ही जाएगा।अगर आत्मा सहज करने का प्रयत्न हो तो प्रकृति सहज हो ही जाएगी। दोनों में से एक सहज की तरफ चला तो दोनों ही सहज हो जाएंगे। इस काल में प्रकृति सहज हो सके, ऐसा नहीं है। इसलिए हम' सहज आत्मा दे देते हैं और साथ-साथ प्रकृति की सहजता का ज्ञान दे देते हैं। उसके बाद प्रकृति को सहज करना बाकी रहता है। जैसे-जैसे ज्ञानीपुरुष की आज्ञा का पालन करते जाओगे वैसेवैसे मन-वचन-काया सहज होते जाएँगे। प्रकृति सहज हो गई तब तो बाहर का भाग भगवान ही बन गया! -दादाश्री -%80385533 Printed in India dadabhagwan.org Price 50