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ज्ञानी पुरुष ( भाग - 1 )
मैं तो राम की चिट्ठी लेकर आया हूँ इसलिए आपकी ज़रूरत नहीं है'। किसकी चिट्ठी लेकर आया हूँ ?
प्रश्नकर्ता : राम की ।
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दादाश्री : 'तू तो नहीं लाया है न चिट्ठी और मेरे पास राम की चिट्ठी है! अरे, मेरी गारन्टी देने वाला तू कौन ? तुझे अगर चाहिए तो मैं देता हूँ। क्योंकि तू लालची है, मैं लालची नहीं हूँ।' मैं बचपन से ही लालची नहीं हूँ। इतना सा भी लालच नहीं, कभी भी नहीं। आप यहाँ आकर सोना दो फिर भी वह हमारे काम का नहीं है ।