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ज्ञानी पुरुष (भाग-1)
प्रश्नकर्ता : फिर शादी की थी क्या?
दादाश्री : हाँ, पंद्रह साल की उम्र में शादी हुई थी। मेरी वाइफ हैं, हीरा बा।
प्रश्नकर्ता : फिर आपके कितने बच्चे हुए? दादाश्री : दो बच्चे थे। दोनों बचपन में ही गुज़र गए। प्रश्नकर्ता : अब यह बताइए कि ज्ञान कब हुआ? दादाश्री : वह 1958 में हुआ, सूरत स्टेशन पर।
प्रश्नकर्ता : अध्यात्म के बारे में आपके अनुभव और विचार बताइए।
दादाश्री : मैं मन-वचन-काया से बिल्कुल अलग रहता हूँ, बिल्कुल निराला रहता हूँ, फिर भी केवलज्ञान नहीं हुआ है, काल की वजह से चार डिग्री नहीं पचा।।
प्रश्नकर्ता : आपको सब से अधिक कौन सी चीज़ प्रिय है? दादाश्री : मुझे आत्मा के अलावा और कोई भी वस्तु प्रिय नहीं है। धन्य-धन्य भूमि तरसाली, जन्मे जहाँ अक्रम ज्ञानी प्रश्नकर्ता : दादा, आपका जन्म स्थल? दादाश्री : हमारा जन्म तरसाली गाँव में, ननिहाल में हुआ था। प्रश्नकर्ता : ननिहाल में हुआ था तो वह आपका ऋणानुबंध था न?
दादाश्री : हाँ, मामी ने तो हमें बा की तरह रखा था। जब मैं छोटा था, उस समय गाँव में डाका डला था, तब गाँव में यह घर सब से बड़ा था, इसलिए सब से पहले वहाँ पर डाका डला। तब हमारी मामी हमें गोदी में उठाकर छोटे कमरे में ले गई थीं और हम वहाँ पर छुप गए थे।
__ प्रश्नकर्ता : दादा, तरसाली में आपका जन्म हुआ था तो वहाँ पर भी मंदिर बनेगा न?