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________________ [8.1] भाभी के साथ कर्मों का हिसाब 217 प्रश्नकर्ता : अंबालाल से शादी करवा दूंगा? दादाश्री : हाँ, ऐसा कहा था। प्रश्नकर्ता : उन दिनों जुबान की कीमत थी न ! दादाश्री : वह खुमारी अलग थी। प्रश्नकर्ता : हाँ। आपकी शादी करवा देते दिवाली बा से। दादाश्री : हाँ। शादी करवा देते। प्रश्नकर्ता : आप उनसे छोटे थे फिर भी? दादाश्री : वे शादी करवा देते। यों तो झबेर बा भी मूलजी भाई से दो साल बड़े थे। पहले ऐसा था, 'बल्कि वाइफ ज़रा बड़ी हो तो अच्छा था, (घर की) व्यवस्था अच्छी तरह से चलाएगी'। प्रश्नकर्ता : व्यवस्था अच्छी तरह से चलाती थीं वे। दादाश्री : भाई तो मुझसे बीस साल बड़े थे और भाभी से उन्नीस साल बड़े थे, दूसरी बार शादी हुई थी इसलिए। प्रश्नकर्ता : तो भाभी आपकी उम्र की होंगी? दादाश्री : हाँ, मेरी उम्र की, मैं और वे, दोनों एक समान। ___ भाई की वजह से महारानी जैसा रौब तूने देखा था? प्रश्नकर्ता : हाँ, दादा। यों दिवाली बा प्रभावशाली लगती थीं। दादाश्री : बहुत प्रभावशाली थीं वे। बहुत सुंदर थीं। बा भी इतनी सुंदर थीं, बहुत सुंदर। पूरा चेहरा ही सुंदर था। दिवाली बा बहुत सुंदर थीं। यह तो अभी कोढ़ हो गया हैं उन्हें । कोढ़ होने की वजह से। पहले तो एकदम गोरी थीं। महारानी जैसी दिखाई देती थीं। हमारे बड़ौदा के जोगीदास विठ्ठल के मुहल्ले में जब वे बाहर निकलती थीं, तो उन्हें सब 'महारानी' कहते थे।
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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